पालमपुर:हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मानवाधिकार विभाग चेयरमैन संजय सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार राज्य में खुद ही आपदा प्रबंधन अधिनियम की धज्जियां उड़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो-दो कानून काम कर रहे हैं गरीबों के लिए अलग नियम बनाए गए हैं. वहीं, सरकार और अमीर वर्ग के लिए अलग नियम बनाए गए हैं.
संजय सिंह चौहान ने कहा कि हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुलह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आरला में एक बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सरकार की देखरेख में एक हजार से ऊपर लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई जिससे लोगों में कोरोना बीमारी के फैलने का डर है. चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक तरफ सरकार अपने कार्यक्रमों में और मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए इतने लोगों और अधिकारियों को एक जगह पर इकट्ठा कर रही है.
वहीं, दूसरी ओर गरीब बेरोजगार लोग जो छोटे-मोटे व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उनको काम ना करने पर बाध्य किया जा रहा है. उन लोगों के खिलाफ पुलिस डंडा चला रही है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मानवाधिकार विभाग के चेयरमैन ने कहा कि जहां शादी में सिर्फ 50 लोगों को जाने की इजाजत है. वहीं, किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर 20 से 30 लोगों को जाने की इजाजत है.
वहीं, सरकार के कार्यक्रमों में हजारों लोग एकत्रित किए गए यह कहां का कानून है. उन्होंने कहा कि शादी व्यवसाय से जुड़े हुए कई लोगों का रोजगार सरकार ने छीन लिया है. शादी व्यवसाय से कई लोग जुड़े होते हैं जैसे कि टेंट वाला, मिठाई वाला, बोटी, नाई, धोबी, डीजे, फूल वाला, कपड़े का व्यापारी, सोने का व्यापारी आदि इन सब का धंधा चौपट करने में सरकार का हाथ है.
संजय सिंह चौहान ने कहा कि सरकार को ऐसा ही करना है तो इन लोगों को भी अपना व्यवसाय करने की इजाजत दी जाए और शादियों में 200 से 300 लोगों को जाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि यही नहीं सरकार की लापरवाही को लेकर बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शांता कुमार भी लताड़ लगा चुके हैं. सरकार के इस रवैये से गरीब बहुत आहत हैं और पीड़ा महसूस कर रहे हैं. लॉ एंड ऑर्डर के नाम पर सरकार हिटलरी फरमान जारी कर रही है.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मानवाधिकार विभाग के चेयरमैन ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अपनी स्थिति स्पष्ट करे और लोगों को अपने कार्यक्रम करने की छूट दे. संजय सिंह चौहान ने इस दुखद घटना को लेकर एसपी कांगड़ा को मुख्यमंत्री और सुलह विधायक विपिन सिंह परमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र सौंपा है जिसकी कॉपी हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और डीआईजी को दी गई है.
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