धर्मशाला: बागवानी विभाग द्वारा जिला कांगड़ा में सूखे से निपटने के लिए अनेक प्रबन्ध किए जा रहे हैं. बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि विभाग द्वारा जिला के विभिन्न विकास खंडों में पंचायत स्तर पर किसानों व बागवानों को सूखा प्रबंध हेतु जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत लगभग 150 शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इन शिविरों में बागवानों को सूखे से निपटने के लिए विभिन्न उपायों, तकनीकों व सरकार द्वारा जल प्रबंधन हेतु चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है.
तीन-चार महीनों से पर्याप्त वर्षा नहीं होने पर सूखे जैसी स्थिति
डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि बागवान पौधों के तोलियां (बेसिन) में नमी बनाए रखने के लिए सूखे घास या भूसे की 15 सेंटीमीटर मोटी परत या पॉलिथीन/प्लास्टिक मल्च बिछाएं. यह भूमि से नमी के वाष्पीकरण को रोकेगी तथा भूमि में खरपतवार को भी नहीं उगने देगी. फलदार पौधों की जड़े अनाज वाली फसलों तथा सब्जियों की अपेक्षा गहरी होती है, इसलिए कुछ हद तक सूखे की स्थिति को झेल सकती है, लेकिन जिले में पिछले लगभग तीन-चार महीनों से पर्याप्त वर्षा नहीं होने पर सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई है. जिसका विपरीत प्रभाव फल-पौधों पर भी पड़ सकता है.