कांगड़ा:अरुणाचल प्रदेश में हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हुए उपमंडल बैजनाथ के कंदराल पंचायत के महेशगढ़ गांव के राकेश कपूर की गांव की सड़क को पक्का बनाने की इच्छा अधूरी रह गई. राकेश कपूर ने अपनी मां व परिजनों से कहा था कि जब भी गांव की सड़क पक्की होगी वह अपनी नई गाड़ी लेकर घर वापस आएगा.
करीब चार माह पहले ही राकेश कपूर अपने घर आया था. पिछले कल बुधवार को जैसे ही परिजनों को राकेश के शहीद होने का समाचार मिला, पूरे गांव में मातम छा गया. शहीद की मां संध्या देवी अपने लाडले इकलौते बेटे के वियोग में फूट-फूट कर रोने लगी, जबकि पत्नी अपने कमरे में 5 माह के बेटे के साथ बेसुध पड़ी रही.
बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी प्रशासनिक अमले संग शहीद (Kangra Jawan Martyred in Arunachal Avalanche) के घर पहुंचे व पीड़ित परिवार को सात्वंना दी. शहीद राकेश की शादी अक्टूबर, 2020 में हुई थी. गांव में यूं तो हर चौथे घर से कोई न कोई सेना में कार्यरत है, लेकिन पहली बार इस गांव से कोई जवान शहीद हुआ है. इस घटना ने समूचे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.
राकेश कपूर के पिता जिगरी राम जोकि स्वयं सेना से हवलदार रिटायर्ड हुए थे. उन्होंने बताया कि राकेश करीब सात साल पहले सेना में भर्ती हुआ था व दिल्ली में नौकरी करने के बाद ही उसकी पोस्टिंग 19 जैक राइफल अरुणाचल प्रदेश में हुई थी. उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को राकेश से बात हुई थी व उसने बताया था कि वह ठीक ठाक हैं. मेरे बेटे ने वापस घर लौटने का वादा किया था, लेकिन हमें ये नहीं पता था कि वह तिरंगे में लिपटकर घर वापस आएगा. उधर, राकेश कपूर के शहीद होने का समाचार सुनने के बाद गांववासियों ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया.