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श्रावण अष्टमी नवरात्र मेले शुरू, ज्वालामुखी शक्तिपीठ में पहले दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

ज्वालामुखी मंदिर में आज से श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों की शुरुआत हो चुकी है. प्रदेश सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन कराते हुए शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है. श्रद्धालु सिर्फ दर्शन कर सकते हैं, क्योंकि कोविड की वजह से मंदिर में हवन यज्ञ, पूजा पाठ, प्रसाद, नारियल चढ़ाने पर रोक लगाई गई है.

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Published : Aug 9, 2021, 1:29 PM IST

ज्वालामुखी/कांगड़ा:विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आज यानी सोमवार से श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों की शुरुआत हो चुकी है. मंदिर के कपाट खुलते ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. माता के जयकारे लगाते हुए भक्तों ने दर्शन किए. बीते रविवार को प्रदेश सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन को ध्यान में रखते ही श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति मिल रही है. मंदिर प्रशासन बिन पर्ची के मंदिर में प्रवेश करने नहीं दे रहे हैं.

माता के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने पर ही एंट्री दी जा रही है. इस संदर्भ में एसडीएम ज्वालामुखी मनोज ठाकुर ने कहा कि ज्वालामुखी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़े करने के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं ताकि जाम की स्थिति न पैदा हो.

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उन्होंने बताया कि इस बार कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जा रहा है और मंदिरों में 'नो मास्क नो दर्शन' का अभियान चलाया जाएगा. बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में एंट्री नहीं दी जा रही है. मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले लोगों को सबसे पहले मिनी सचिवालय में अपनी रिपोर्ट दिखाकर पर्ची बनवानी होगी. इस पर्ची को दिखाकर श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए जा सकेंगे.

प्रदेश सरकार की एसओपी के मुताबिक श्रद्धालुओं को माताजी के दर्शन कराए जा रहे हैं. कोविड नियमों का पालन करने का आग्रह उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं से किया. नवरात्र के दौरान हवन यज्ञ, पूजा पाठ, प्रसाद, नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा मंदिर के आसपास ढोल नगाड़ा बजाने पर भी प्रतिबंध रहेगा. एसडीएम और मंदिर अधिकारी ने देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों से अनुरोध किया है कि अपनी रिपोर्ट साथ लेकर ही आएं ताकि उन्हें माता के दर्शन के बिना ना लौटना पड़े.

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