चंबा: पारंपरिक परंपराओं का वहन करना बड़ी चुनौतियों का कारण भी बन जाता है. इसी प्रकार का मामला उपमंडल सलूणी के अधीन आते क्षेत्र में देखने को मिला. यहां आसमान से गिर रहे बर्फ के फाहे और 4 फीट बर्फ की परत पर दुल्हन को ब्याहने के लिए बारातियों ने छह किमी का लंबा सफर पैदल तय किया.
रविवार देर शाम बारात दुल्हन के घर पहुंची. देर रात निर्धारित (wedding between snowfall in Chamba) समय पर दूल्हा-दुल्हन के फेरे हुए, लेकिन सोमवार सुबह वापसी के दौरान बर्फबारी का क्रम फिर से जारी हो गया. लिहाजा, शाम के समय कुछ देरी के लिए थमी बर्फबारी में दुल्हन की विदाई हो पाई.
वहीं, बीडीसी उपाध्यक्ष योगराज शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत सनूंह के गांव भिदरोह नाला निवासी वनीत ठाकुर पुत्र चमारू राम की शादी भांदल क्षेत्र के अधीन आते डंडोरी निवासी निशा कुमारी पुत्री जगदीश से तय हुई. पारंपरिक रीति-रिवाज अनुसार लड़के-लड़की की शादी मुकर्र होने पर शादी का शुभ मुहुर्त भी निकाला गया. 23 जनवरी की रात दस बजे का मुहुर्त तय हुआ.