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चमेरा बांध से देर से पानी छोड़ने पर खड़ामुख पुल पर ग्रामीणों ने किया चक्का जाम, प्रशासन पर लगाए ये आरोप

चमेरा बांध से समय पर पानी न छोड़ने से गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार सुबह भरमौर एनएच पर पुल के बीच बैठ पर चक्का जाम कर दिया. ग्रामीणों का कहना था कि परियोजना प्रबंधन के पास गोताखोरों तक की व्यवस्था नहीं है. वहीं, खड़ामुख बांध का पानी भी समय पर नहीं छोड़ा गया. जिसके बाद कुछ समय के लिए पानी छोड़ने के बाद इसे बंद किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना था कि सड़क के साथ ही बांध है. लिहाजा परियोजना प्रबंधन की ओर से यहां पर क्रैश बैरियर और न ही लोहे का जाला लगाया है.

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Published : Aug 30, 2021, 3:51 PM IST

चंबा: खड़ामुख स्थित चमेरा बांध से समय पर पानी न छोड़ने से गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार सुबह भरमौर एनएच पर पुल के बीच बैठ पर चक्का जाम कर दिया. इस दौरान भरमौर एनएच के दोनों तरफ वाहनों की भी लबी लंबी कतारें लग गई.

ग्रामीणों का कहना था कि परियोजना प्रबंधन के पास गोताखोरों तक की व्यवस्था नहीं है. वहीं, खड़ामुख बांध का पानी भी समय पर नहीं छोड़ा गया. जिसके बाद कुछ समय के लिए पानी छोड़ने के बाद इसे बंद किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना था कि सड़क के साथ ही बांध है. लिहाजा परियोजना प्रबंधन की ओर से यहां पर क्रैश बैरियर और न ही लोहे का जाला लगाया है.

बता दें कि सोमवार सुबह भरमौर एनएच पर एक कार खड़ामुख स्थित चमेरा चरण तीन के बांध में जा गिरी थी. जिसके चलते कार समेत दो सवार बांध में लापता हो गए हैं. बहरहाल एसडीएम भरमौर की मौजूदगी में बांध में रेस्क्यू चला हुआ है और गोताखोरों की टीम भी तलाश में जुटी है.

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ग्रामीणों का कहना था कि अगर यहां पर सड़क किनारे प्रबंधन की ओर से उपरोक्त प्रबंध किए होते तो, इस हादसे को टाला भी जा सकता था. वहीं, ग्रामीणों का कहना था कि सुबह के वक्त हादसा हुआ, बावजूद इसके प्रशासन की ओर से मौके पर कोई नहीं पहुंचा.

मामले की सूचना मिलने पर एसडीएम भरमौर मनीष सोनी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से बातचीत की. इस दौरान लोग बातचीत के बाद खड़ामुख पुल से उठ गए. जिसके बाद दोबारा बांध से पानी छोड़ने बंद करने की बात कह वह पुल पर धरने पर बैठ गए.

बहरहाल एसडीएम भरमौर मनीष सोनी ने मौके पर ग्रामीणों को बताया कि एकदम से भी बांध का पानी नहीं छोड़ा जा सकता. चूंकि पानी छोड़ने से पहले निचले इलाकों को सूचित करना होता है. बिना पूर्व सूचना के अचानक पानी छोड़ने से निचले इलाकों में जान माल का नुकसान भी हो सकता है. बहरहाल एसडीएम मनीष सोनी द्वारा पूरी स्थिति से वाकिफ करवाने के बाद ग्रामीण धरने से उठ गए.

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