चंबाः सड़कों को किसी देश व प्रदेश की जीवनरेखा माना जाता है. गांव से शहर को जाना हो या किसी दूसरे गांव को, सड़कों के माध्यम से ही एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचा जा सकता है. जिला चंबा में भी सड़कों को जाल पसरा हुआ है, लेकिन कई सड़कों की हालत खस्ता होने के चलते राहगीरों को अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए भारी परेशानियां झेलनी पड़ती है.
न तो पैराफिट है और ना ही क्रैश बैरियर
जिला चंबा के मुख्यालय से करीब पैंतालिस किलोमीटर की दूर कल्हेल से बंजली को जानी वाली सड़क की हालत एक या दो नहीं करीब दस सालों से खस्ता बनी हुई हैं. सात किलोमीटर लंबी सड़क में से साढ़े चार किलोमीटर की हालत बेहद ही जर्जर है. हालत ये हैं कि करीब एक घंटे का सफर चार घंटे में तय होता है. इतना ही नहीं सड़क पर न तो पैराफिट हैं और ना ही क्रैश बैरियर.
सड़क की हालत खस्ता
जब ईटीवी भारत की टीम ने इस रास्ते से गुजर रहे लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि करीब दस सालों से खराब पड़ी इस सड़क की मरम्मत के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग को बताया गया है, लेकिन कई बार तो लगता है कि शायद लोक निर्माण विभाग इस सड़क के होने के बारे में ही भूल गया है. विभाग की सड़क पर उखड़ी तारकोल को बिछाने के बारे में भी कोई योजना नजर नहीं आती हैं.
'गाड़ियां भी हो जाती है खराब'
कल्हेल से बंजली को जाने वाली सड़क चार पंचायतों का संपर्क होता है. करीब 25 हजार की आबादी के लिए जिला मुख्यालय व प्रदेश के अन्य क्षेत्र को जाने के लिए ये ही एक रास्ता है.