चंबा: बर्फ और कड़ाके की ठंड में जान बचाने के लिए लोग किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करते हैं. यहां पर प्रसूता महिला की जान बचाने को परिजनों और ग्रामीणों ने महिला को पालकी में उठाकर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया. वहीं, लचर कार्यप्रणाली और राजनेताओं के प्रति अपना रोष प्रकट करने को ग्रामीण पालकी को एंबुलेंस तक कहने से भी नहीं कतराए. बात हो रही जिला चंबा के उपमंडल भटियात के अधीन आती ग्राम पंचायत (No Road Facility in Bhattiyat chamba) काहरी के गांवों की. ये गांव आज तक सड़क सुविधा से महरूम हैं.
हैरानी इस बात की यहां जताई जा रही है कि भटियात के राजनेता क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का राग अलापते हुए भटियात को पालकी मुक्त तक करने के दावे करते हैं. बर्फबारी में प्रसूता महिला को पालकी में उठा 5 किमी पैदल चल परिजनों और ग्रामीणों ने काहरी पंचायत के डैनघोड़ी गांव स्थित घर पहुंचाया. इस दौरान ग्रामीणों ने पालकी मुक्त भटियात करने संबंधी दावों को लेकर पालकी को एंबुलेंस कहते हुए भटियात विधानसभा क्षेत्र के राजनेताओं, प्रशासन (Road problem in chamba) और संबंधित विभाग पर तंज कसे.