चंबा: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भरमौर विस क्षेत्र में प्रवास तय होने के साथ ही चंबा-भरमौर एनएच की बदहाली को लेकर सोशल मीडिया में करारे तंज कसे जा रहे हैं. भरमौर मार्ग के खस्ताहाल होने का मामला सोशल मीडिया पर पूरी तरह से गर्मा गया है.
सीएम के दौरे से ठीक पहले क्षेत्र से जुड़े लोग बदहाल सड़क के चलते कुछ अलग अंदाज में अपना विरोध जता रहे हैं. लोगों द्वारा एनएच की खस्ता हालत को लेकर मजेदार मीमस बनाए गए हैं. एक पोस्ट में इतना तक कहा गया है कि मुख्यमंत्री को 1100 पर कॉल कर बोल दो कि भरमौर गाड़ी में ही आएं, क्या पता जनता हेलीकॉप्टर उतरने ही न दें?
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के भरमौर दौरे पर पहुंच रहे मुख्यमंत्री के समक्ष एनएच की खस्ताहालत का मुद्दा छाने वाला है. आपको बता दें कि भरमौर एनएच की मौजूदा समय में हालत बेहद खराब हो चुकी है. पिछले साल सिंतबर की कहर बरपाने वाली बारिश और बाद में भारी हिमपात से तहस नहस हुए मार्ग की सूरत ओर भी बिगड़ गई है.
NH की खराब हालत पर बने मीमस. लिहाजा एनएच पर वाहन चालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं, चंबा से भरमौर पहुंचने में भी लंबा वक्त लग रहा है. मात्र 60 किलोमीटर के करीब का रास्ता तय करने में वाहन चालकों को 6 घंटे तक का समय लग जाता है.
हाल ही चल रही मणिमहेश यात्रा के दौरान तो हालात और भी बदतर थे. चंबा से निकलने के बाद धरबाला तक तो रास्ता ठीक ठाक है, लेकिन यहां से आगे का रास्ता पूरी तरह से खराब हुआ पड़ा है. जहां यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों के साथ-साथ यात्रियों को लंबे जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा था.
NH की खराब हालत पर बने मीमस. वैसे तो चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग है, लेकिन यहां हालात ऐसे हैं कि अगर रास्ते में कहीं बड़े वाहन को रास्ता देना पड़े तो घंटों लंबा जाम लग जाता है. धरबाला से लेकर भरमौर तक ये पूरा राष्ट्रीय राजमार्ग सिंगल रोड है. मणिमहेश यात्रा से पहले ही सड़क पर टायरिंग कर गड्डों से निजात दिलाने की लोग यहां मांग करते रहे हैं.
NH की खराब हालत पर बने मीमस वहीं, भरमौर में आयोजित जनमंच के दौरान भी एनएच खस्ताहाल होने का मामला खूब गूंजा था. जिसके बाद एनएच प्रबंधन ने काम शुरू किया, लेकिन वह भी बीच में लटक कर रह गया. नतीजतन एनएच पर मरहम नहीं लग सका, लेकिन जनता को इसकी बदहाली से मिले जख्म अभी तक हरे जरूर हैं.
NH की खराब हालत पर बने मजेदार मीमस. मणिमहेश यात्रा हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध धार्मिक यात्राओं में से एक है और इस यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार और प्रशासन को विशेष तैयारियां करनी चाहिए, लेकिन शिखर की ओर हिमाचल वाली सरकार इस यात्रा के लिए सड़क के गड्ढे तक नहीं भरवा पाई.
ये भी पढ़ें: ठेकेदार के स्टोर से मिली सरकारी सीमेंट की 307 बोरियां, सीमेंट के खाली बैग भी बरामद