चंबाः जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दूरस्थ कुगती मंदिर में विधिवत रूप से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट आगामी अप्रैल महीने तक के लिए बंद हो गए हैं. 13 अप्रैल, बैसाखी पर्व पर पूजा के बाद मंदिर के कपाट फिर भक्तों के लिए खुल जाएंगे.
बता दें कि मंदिर12 अप्रैल की अवधि तक श्रद्वालुओं के लिए पूरी तरह से बंद रहेगा. मान्यता है कि देवभूमि पर प्रकृति बर्फ की चादर ओढ़ कर सुप्त अवस्था में चली जाती है और देवता स्वर्ग लोक की ओर प्रस्थान कर जाते हैं. कार्तिक स्वामी मंदिर के पुजारी का कहना है कि मंदिर के द्वार पूजा-अर्चना के बंद हो गए हैं. अब बैसाखी पर्व पर मंदिर के कपाट विधिवत पूजा के बाद खुलेंगे. उनका कहना है कि सदियों से इस परंपरा का यहां पर निर्वाहन किया जा रहा है.
पूजारी ने बताया कि यहां मान्यता है कि 135 दिनों के बाद कलश में रखे गए जल को देखकर वर्षभर के मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि गर्भगृह में रखे कलश के भीतर जल की मात्रा को देख कर यहां पर मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाएगा. अगर कलश में पानी की मात्रा बेहद कम या सूखा रहता है तो माना जाता है कि वर्ष में सूखे की स्थिति का यहां पर सामना करना पडे़गा.