हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

चंबा चप्पल के कारोबार पर पड़ी महंगाई की मार, चंद लाख में सिमटा व्यवसाय - ऐतिहासिक चंबा चप्पल

ऐतिहासिक चंबा चप्पल सरकार की बेरुखी और चमड़े की बढ़ती कीमतों के कारण अपना वजूद खोती जा रही है. इसके चलते युवाओं का इस कला की ओर रुझान भी धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है. 10 लाख के करीब कमाने वाले कारोबारी अब सिर्फ दो से तीन लाख का ही कारोबार कर पा रहे हैं.

Chamba sandal business
चंबा चप्पल का कारोबार.

By

Published : Nov 10, 2021, 8:39 PM IST

चंबा: जिले में बनने वाली चंबा चप्पल विश्व विख्यात है और इसका इतिहास 500 साल पुराना है. 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे, जो राज परिवार के लोगों के ही चप्पल बनाते थे. उसके बाद धीरे-धीरे यह परंपरा आगे बढ़ी और चंबा चप्पल को रोजगार का जरिया भी बनाने के लिए राज परिवार ने कार्यों को छूट प्रदान की. उसके बाद चंबा जिला में चंबा चप्पल का उदय हुआ, लेकिन आज इस इस कारोबार पर भी कोरोना और महंगाई की मार पड़ी है. आलम यह है कि एक साल में 10 लाख के करीब कारोबार करने वाले व्यापारी आज दो से तीन लाख का ही कारोबार कर पा रहा है.

कोरोना से पहले चंबा चप्पल का कारोबार करने वाला प्रत्येक दुकानदार 8 से दस लाख रुपए कमाते थे, जिससे कारीगरों का परिवार भी चलता था. मुनाफा अधिक होने की वजह से जिले के काफी कारीगर इस कार्य को पिछले कई दशकों से करते आ रहे थे, लेकिन चंबा चप्पल का कारोबार करने वाले कारीगरों को कोरोना वायरस काल में तीन से चार लाख का नुकसान हुआ है.

वीडियो.

कोरोना की मार से अबतक यह कारोबार उभर नहीं पाया है. लॉकडाउन के दौरान जो उत्पाद तैयार किए गए थे. वह सब खराब हो गए. इस नुकसान की भरपाई करना कारीगरों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. साथ ही, महंगाई की मार भी इन्हें झेलनी पड़ रही है. चप्पल तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के दाम में भी काफी इजाफा हो गया है.

इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों और कारीगरों ने सरकार से मांग की है कि इनके इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कदम उठाया जाए, ताकि दोबारा इनका कारोबार पटरी पर लौट सके. इतना ही नहीं सरकार को इस प्राचीन विश्व विख्यात संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि जिस तरह से चंबा चप्पल विश्व विख्यात है, इसी तरह इसका नाम आगे भी रोशन होता रहे.

चंबा चप्पल को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में इन कारीगरों का बहुत बड़ा योगदान है, जब भी विदेश से चंबा घूमने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं तो उनकी पहली पसंद चंबा चप्पल होती है और वह पर्यटक अपने लिए तो चंबा चप्पल खरीदते ही हैं. साथ ही, परिवार के लिए भी लेकर जाते हैं. चंबा चप्पल विभिन्न शॉपिंग ऐप भी उपलब्ध हैं.

ऐसे तैयार तैयार होता है चंबा चप्पल.

बता दें कि चंबा चप्पल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. जहां मखमली धागे से कारीगर बड़ी ही बारीकी के साथ इस कार्य को अंजाम देते हैं और फिर बाजार में बेचा जाता था. चंबा चप्पल अलग-अलग डिजाइन में बनाई जाती है. जिसकी बाजार में काफी डिमांड रहती है. चंबा जिले के लोग भी चप्पल को शौक से पहनते हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन परीक्षा करवाने की मांग को लेकर एडीसी से मिले अभिभावक, स्कूल प्रबंधन ने लिया ये फैसला

ABOUT THE AUTHOR

...view details