चंबाः आपने कई बार सावित्री और सत्यवान की कहानी सुनी होगी जिसमें पत्नी अपने पति की खातिर यमराज से लड़ जाती है और फिर अपने पति को बचा लेती है, लेकिन क्या आपको कोई ऐसी कहानी याद है जहां पति अपनी पत्नी की खातिर यमराज से लड़ जाता हो और उसकी जान बचा दे.
चंबा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पती ने पत्नी को किडनी देकर नया जीवन दिया है. अब दोनों पति-पत्नी स्वस्थ हैं. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के सुंडला पंचायत के दीप कुमार ने यह मिसाल पेश की है. दीप कुमार की पत्नी की दोनों किडनियां खराब हो गई थीं. इसका पता उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में लगा.
जानकारी मिलते ही दीप कुमार के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. पत्नी के लिए उन्होंने हर जगह से किडनी का प्रबंध करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं होने पर दीप कुमार ने अपनी पत्नी चन्द्र रेखा के लिए खुद की किडनी देने का फैसला लिया. फिर सभी फॉर्मेलिटीज को पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को खुद की किडनी दी.
इसके बाद पीजीआई चिकित्सकों की ओर से सफल उपचार किया और इस तरह चंद्र रेखा को एक नया जीवन मिला है. दोनों पती-पत्नी अब इलाज के बाद घर आ चुके हैं. दोनों अपने बच्चों के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं. दीप कुमार के इस फैसले की हर कोई सरहाना कर रहा है. लोगों ने इस फैसले को मिसाल बताया है. वहीं, दीप कुमार का कहना है की चंद्र रेखा उनकी जीवन साथी हैं. पत्नी के साथ सुख-दुख बांटना हर पति का कर्तव्य है. जब उन्हें कोई किडनी डोनेट करने वाला नहीं मिला तो उन्होंने खुद ये फैसला लिया और अब वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ खुश हैं.
दूसरी ओर चन्द्र रेखा भी अपने परिवार के बीच आकर खुश हैं. चंद्र रेखा का कहना है कि उनके पति और अन्य परिवार के सदस्यों ने बीमारी से लड़ने में उनका बहुत साथ दिया. उनके पति हमेशा उन्हें हिम्मत देते रहे और अब उन्होंने अपनी किडनी देकर उन्हें नया जीवन दिया है.
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