चंबा: उपायुक्त विवेक भाटिया की अध्यक्षता में जिला अग्रणी बैंक ने बचत भवन में जिला स्तरीय समीक्षा और जिला परामर्श समितियों की बैठक आयोजित की गई. इसी बीच उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि लोगों को स्कीमों का लाभ तभी मिल सकता है, जब वो इन योजनाओं के बारे में जागरूक रहेंगे.
डीसी विवेक भाटिया ने कहा कि हस्तशिल्पकारों को ऐसे उत्पाद तैयार करने चाहिए, जिनका डिजाइन आधुनिक हो और मार्केट के अनुरूप सेल वेल्यू रहे. उन्होंने कहा कि 'कौशल विकास' योजना के साथ-साथ 'स्वरोजगार' योजना को जमीनी स्तर पर उतारा जाएगा, ताकि कुटीर उद्योग के रूप में अपने घरों से ही उत्पाद तैयार करने वाले कारीगरों को कोरोना काल के बाद भी आर्थिक सहायता मिल सके.
बालू स्थित ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान(आरसेटी) की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिए कि संस्थान में आयोजित होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के व्यावहारिक आउटकम को लेकर गंभीर रहे, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अपेक्षित औचित्य सबके सामने आए.
उपायुक्त विवेक भाटिया ने वित्तीय साक्षरता और 'कौशल विकास' योजना की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जिला में लोगों के लिए वित्तीय साक्षरता के अलावा कौशल विकास पर एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. डीसी ने इस सेमिनार को 'फाइनेंशियल विजडम' नाम दिया है. इस कार्यशाला का आयोजन 10 जुलाई को 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक पांच सत्रों में इसका आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य लोगों को वित्तीय साक्षरता के तौर पर सक्षम बनाना है.
उपायुक्त ने कहा कि जिला में कृषि, बागवानी, पशुपालन के अलावा पारंपरिक हस्तशिल्प में स्वरोजगार के कई अवसर मौजूद हैं. इसके अलावा उन्होंने खादी और ग्रामो उद्योग बोर्ड, हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट विकास निगम और भूरि सिंह संग्रहालय को हस्तशिल्पकारों के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
अग्रणी जिला प्रबंधक भूपेंद्र कालिया ने उपायुक्त को बताया कि वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान केवल कृषि क्षेत्र में ही 159.82 करोड़ की राशि के ऋण वितरित की गए हैं, जबकि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमियों को 115.35 करोड़ के ऋण मुहैया करवाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के तहत कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों पर फोकस किया जाएगा. साथ ही 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण' योजना के तहत रेहड़ी-फड़ी का व्यवसाय करने वालों को बैंक की ओर से वित्तीय मदद दी जाएगी.
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