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मणिमहेश यात्रा: आज से शुरू होगा शाही स्नान, निभाई जाएंगी सदियों पुरानी रस्में - himachal pradesh hindi news

मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान सोमवार दोपहर बाद तीन बजकर एक मिनट पर आरंभ होगा, जबकि मंगलवार तीन बजकर तीन मिनट तक शाही स्नान का दौर पवित्र डल झील पर चलेगा. बता दें कि मणिमहेश यात्रा को इस वर्ष भी वैश्विक कोरोना महामारी के चलते सांकेतिक रूप से ही मनाया जा रहा है.

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Published : Sep 12, 2021, 10:27 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 3:05 PM IST

चंबा: मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान आज यानी सोमवार दोपहर बाद तीन बजकर एक मिनट पर आरंभ होगा, जबकि मंगलवार तीन बजकर तीन मिनट तक शाही स्नान का दौर पवित्र डल झील पर चलेगा. इससे पहले इसी दिन सप्तमी पर पवित्र डल झील को तोड़ने की रस्म संचूई के शिव चेले निभाएंगे.

लिहाजा राधा अष्टमी के पावन मौके पर सदियों से चली आ रही परंपराओं का निर्वहन करने के लिए संचूई के शिव चेलों के अलावा दशनाम छड़ी और पडोसी राज्य जम्मू कश्मीर के भद्रवाह की छड़ियां सोमवार को डल झील पर एक साथ पहुंचेगी.

बता दें कि मणिमहेश यात्रा को इस वर्ष भी वैश्विक कोरोना महामारी के चलते सांकेतिक रूप से ही मनाया जा रहा है. नतीजतन यात्रा में राधा अष्टमी के स्नान के लिए परंपराओं को निभाया जाएगा. भरमौर के प्रसिद्ध पंडित सुमन कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर बाद तीन बजकर एक मिनट पर यात्रा का शाही स्नान आरंभ होगा.

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इससे पहले संचूई के शिव चेले डल तोड़ने की परंपरा को निभाएंगे और बाद में पवित्र छड़ियां डल में आस्था की डुबकी लगाएगी. जिसके साथ ही यात्रा का शाही स्नान आरंभ हो जाएगा. लिहाजा मंगलवार तीन बजकर तीन मिनट तक डल झील पर स्नान करने का शुभ मुहूर्त रहेगा. उनका कहना है कि इस अवधि के बीच डल में स्नान करना शास्त्रों में भी फलदायी माना गया है.

मणिमहेश न्यास के सदस्य सचिव एवं एसडीएम भरमौर मनीष सोनी ने बताया कि रविवार शाम तक डल झील पर 150 के करीब यात्रियों के पहुंचने की सूचना मिली है. जबकि धनछो में 50 के करीब यात्री पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है कि अगर बारिश का दौर अधिक रहता है, तो यात्रियों को सुरक्षित ठिकानों पर रोका जाए और बारिश थमने पर ही उन्हें रवाना किया जाए.

वहीं, पुलिस को भी इस बाबत निर्देशित कर दिया है. बता दें कि कोरोना माहामारी के चलते इस वर्ष भी मणिमहेश यात्रा में सदियों से चली आ रही पारंपराओं को ही निभाया जाएगा. जिसके लिए सीमित संख्या में ही शिव चेलों और छड़ियों के साथ श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति प्रशासन ने दी है.

मणिमहेश यात्रा में राधा अष्टमी पर्व पर होने वाले शाही स्नान पहले डल को तोड़ने की रस्म निभाने के लिए संचूई के शिव चेले चौरासी से निकल पड़े है. मूसलाधार बारिश के बीच भगवान भोले नाथ की जय जयकार करते हुए शिव चेलों ने चौरासी से प्रस्थान और धनछो पहुंच गए है. लिहाजा सोमवार सुबह धनछो से डल की रूख करेंगे और डल तोड़ने की रस्म निभाएंगें. जिसके बाद विधिवत रूप से राधा अष्टमी का पवित्र स्नान आरंभ होगा.

मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी पर्व पर डल झील में होने वाले शाही न्हौण के लिए न्यास की ओर से तमाम प्रबंध पूरे कर लिए है. मणिमहेश न्यास के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार धीमान ने कहा कि शाही स्नान के लिए डल झील निकली छड़ियों और शिव चेलों के समूह के रहने और खाने पीने की व्यवस्था प्रशासन ने की है, जबकि सुरक्षा व्यवस्था के मध्यनजर अस्थाई चौकियां बनाई है.

छड़ियों के साथ डल जाने वाले श्रद्धालुओं और शिव चलों के खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध प्रशासन की ओर से किया है. साथ ही पर्वतारोहण संस्थान की टीम भी तैनात कर दी है. उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा में डल झील समेत अन्य पड़ावों पर चढ़ावें की राशि की गिनती और इससे जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं हेतू नायब तहसीलदार होली को एरिया मैजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात किया गया है.

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Last Updated : Sep 13, 2021, 3:05 PM IST

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