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Chamba District Achievement: नीति आयोग के आकलन में दूसरे स्थान पर रहा चंबा, सांसद किशन कपूर ने दी बधाई

हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा ने देश के आकांक्षी जिलों के समग्र और समावेशी विकास में निरंतर सुधार के लिए नीति आयोग (NITI Aayog Assessment) द्वारा किए गए आकलन में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. जिसके लिए सांसद किशन कपूर (MP Kishan Kapoor) ने राज्य सरकार और जिला के अधिकारियों को बधाई दी है.

Chamba ranked second
सांसद किशन कपूर

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Published : Dec 5, 2021, 8:31 PM IST

कांगड़ा:देश के आकांक्षी जिलों के समग्र और समावेशी विकास में निरंतर सुधार के लिए नीति आयोग (NITI Aayog Assessment) द्वारा किए गए आकलन में हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा ने दूसरा स्थान हासिल (Chamba ranked second) किया है. इस उपलब्धि के लिए चंबा के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई देते हुए कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर (MP Kishan Kapoor on Chamba achievement) ने कहा कि केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयास से प्रदेश के इस पिछड़े जिले में विकासात्मक कार्यों की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.


नीति आयोग के इस आकलन (NITI Aayog Assessment) पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सांसद किशन कपूर (MP Kishan Kapoor) ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले आकांक्षी जिला चंबा में विगत तीन वर्षों में जो विकास के कार्य हुए हैं, उनके प्रभावी कार्यान्वयन का दायित्व राज्य सरकार और जिला के अधिकारियों का है और यह अपार हर्ष का विषय है कि नीति आयोग ने प्रदेश और जिला के (Chamba District Achievement) कार्य को श्रेष्ठ आंका है. सांसद किशन कपूर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जन-प्रतिनिधि की अध्यक्षता में दिशा जैसी विकास कार्यों के लिये गठित समितियों के प्रभावी मूल्यांकन से भी चंबा जिले में विकास कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं.

सांसद किशन कपूर ने कहा कि देश से आर्थिक विषमता को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों की पहचान कर उनके समग्र विकास में सहायता के लिये आकांक्षी जिला के लिए विशेष कार्यक्रम बनाये. इसके अंतर्गत देश के 28 राज्यों से 115 जिलों की पहचान की गई थी, जिनमें प्रदेश का चंबा जिला भी (Chamba ranked second ) सम्मिलित है.

यह कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा संचालित और राज्यों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य वास्तविक समय में प्रगति के माध्यम से 5 मुख्य क्षेत्रों के 49 संकेतों पर आकांक्षी जिलों का मूल्यांकन (Aspirational Districts Evaluation) करना है. इसके तहत विभिन्न जिलों की प्रगति का मूल्यांकन देश एवं राज्य के सबसे प्रगतिशील जिले से अंतर के आधार पर किया जाता है. इसके पश्चात् आकांक्षी जिलों की रैंकिंग (Ranking of Aspirational Districts) निर्धारित की जाती है.

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