चंबा: जिला के भरमौर उपमंडल के तहत आने वाली औराफाटी ग्राम पंचायत को जोड़ने वाला रास्ता भूस्खलन की चपेट में आकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके चलते ग्रामीण भी अब जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हो रहें है.
वहीं, एक तरफ रावी नदी पर लूणा पुल का काम अभी तक लटका हुआ है, तो दूसरी तरफ से पंचायत को जोड़ने वाला पैदल रास्ता भी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है. इसके चलते ग्रामीणों की मुशिकलें भी बढ़ गई है.
जानकारी के अनुसार पंचायत के तियूला और औरा के बीच भारी भूस्खलन होने से रास्ता बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. सड़क के इस हिस्से में लगाया गया डंगा भी गिर गया है और यहां आर-पार जाने के लिए भी जगह नहीं है. काली डांक के पास हुए इस भू-स्खलन के कारण अब पंचायत के करीब आठ गांवों के लिए आवाजाही जोखिम भरी हो गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता औरा के पास सड़क से जुड़ता है और आगे सड़क ढकोग के पास भरमौर नेशनल हाईवे के साथ जुड़ता है. उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने से तियुला, फैली, कथोटू , कल्होर, ऊपरी सहली, जिकली सहली, सुनकर,औरा गांव की आवाजाही बंद हो गयी है और लोग यहां जान जोखिम में डालकर गुजर रहे हैं.
वहीं, अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक सुरजीत भरमौरी ने कहा कि मौके की स्थिति से लोक निर्माण के भरमौर स्थित अधिशाषी अभियंता को अवगत करवा दिया गया है और औरा से तियुला रास्ते की पूरी तरह से ठीक करवाने के लिए लेबर को एक सप्ताह के लिए तीन किलोमीटर लंबे पर शिफ्ट करने का आग्रह किया है. जगह-जगह सड़क के डंगे स्लाइड हुए हैं और मलवा भी गिरा है. साथ ही मामले को लेकर डीसी चंबा के समक्ष भी रखा गया है. सुरजीत भरमौरी ने कहा लोग खुद को खतरे में डाल कर यहां से गुजर रहे हैं.
ये भी पढ़ें :हिमाचल में कोरोना का आंकड़ा 800 के पार, हमीरपुर जिला में सबसे ज्यादा एक्टिव मामले