बिलासपुर:जिला बिलासपुर के विकास खंड स्वारघाट की ग्राम पंचायत टरवाड़ के तहत आने वाले गांव कल्लर-म्योठ के लोगों को सर्दी के मौसम में भी पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. नयना देवी सड़क मार्ग के हिमाचल-पंजाब सीमा पर बसे इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बॉर्डर पर बसने का दंश सुविधाओं से महरूम होकर चुकाना पड़ रहा है.
कल्लर गांव की महिलाओं ने जल शक्ति विभाग उपमंडल स्वारघाट के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत पत्र देने पहुंची महिलाओं का कहना है कि भले ही वह बार्डर पर बसे हैं लेकिन उनके राशन कार्ड आधार कार्ड हिमाचल के ही बने हैं और यहां तक कि वह मतदान भी हिमाचल में ही करते हैं. वहीं, ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि कल्लर गांव की प्यास बुझाने के लिए हिमाचल सरकार ने 6 साल पहले करीब 58 लाख की लागत से पेयजल योजना तैयार की थी जिसके लिए सिणवा से पानी उठाकर पाइपलाइन भी बिछाई गई थी लेकिन देखरेख के अभाव में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई जिसके कारण लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं.