बिलासपुर:कारगिल युद्ध में शत्रुओं को मौत की नींद सुलाने वाले बिलासपुर के शहीद उधम सिंह के पैतृक घर (Martyr Udham Singh of Bilaspur) को जाने वाली सड़क 23 वर्ष बाद भी नहीं बन पाई है. इतने वर्षों बाद भी गांव को शहीद के नाम की सड़क का इंतजार है. स्थानीय लोगों का कहना है इसकी सुध न तो प्रशासन ले रहा है और न ही सरकार. स्थानिय लोगों ने बताया कि प्रशासन द्वारा शहीद उधम सिंह के नाम पर गांव में सड़क का नाम रखे जाने की घोषणा की गई थी. घोषणा को लंबा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक यह कार्य नहीं हो सका है.
शहीद उधम सिंह के छोटे भाई राकेश कुमार ने बताया कि विभाग ने 2002 सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और उस दौरान सड़क बनाने के लिए यहां पर रोड़ी भी डाली गई थी. लेकिन उसके बाद आज तक यह सड़क पक्की नहीं हो पाई हैं. वहीं गांव के वार्ड सदस्य सौरभ पटियाल ने कहा कि सभी पार्टियों के नेता कारगिल विजय दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और शहीदों को याद करते हैं. लेकिन शहीद के परिवार और क्षेत्र के लोगों की कोई सुध नहीं लेते है.