बिलासपुर:पूरे प्रदेश में पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए सुप्रसिद्ध बिलासपुर के नलवाड़ी मेले का आज वीरवार को आगाज हो (Nalwadi fair started in Bilaspur) गया. मेले का शुभारंभ खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने किया. नगर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा अर्चना व बैल पूजन होने के बाद पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली गई. मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा बस अड्डा, चंपा पार्क, गांधी मार्केट व रोड़ा सेक्टर से होते हुए लुहनु मैदान (State Level Nalwadi Fair) पहुंची. जहां पर मुख्य अतिथि ने मेले के मुख्य द्वार पर रिबन काटकर मेले में प्रवेश किया. शोभायात्रा के बाद वाद्य यंत्रों की ध्वनियों के साथ लोक कलाकारों ने नृत्य की भी प्रस्तुति दी.
बता दें कि इस बार भी मेले में जिला प्रशासन को किराए पर लिए बैलों को गाड़ी से ही पेड़ा खिलाकर उनकी पूजा की गई और कुंडा गाड़कर मेले का विधि विधान से शुभारंभ हुआ. बताते चलें कि मेला शुरू होने पर महिलाओं व बुजुर्गों में भी काफी उत्साह देखने को (State Level Nalwadi Fair) मिला. सुबह 10:00 बजे से ही श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी. इसमें अधिकतर महिलाएं व बुजुर्ग शामिल रहे. शोभायात्रा में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पगड़ी व बैच दिए गए. रंग बिरंगी पगड़ी और पहनने वाले लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था.
बिलासपुर में नलवाड़ी मेले की शुरुआत. वीरभद्र सिंह ने मेले को राज्य स्तर का दिलाया था दर्जा:जानकारी के अनुसार 1985 में बिलासपुर जिले से पहली बार रामलाल ठाकुर मंत्री बने थे. पूर्व में रहे वन मंत्री रामलाल ठाकुर ने उस वक्त के रहे मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से इस मेले को राज्य स्तर का दर्जा दिलाया (Nalwari cattle fair in bilaspur) था. उसके बाद नगर के लक्ष्मी नारायण मंदिर से नलवाड़ी मेले के लिए पहली बार शोभायात्रा निकाली गई थी. उसके बाद यह प्रचलन अब हर साल किया जाता है. इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि बिलासपुर के नलवाड़ी मेले में पाकिस्तान तक के पहलवान यहां पर अपना दमखम दिखाने के लिए पहुंचे थे.
खूंटा गाड़कर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने मेले का किया शुभारंभ मेले में पाकिस्तानी पहलवान दिखाते थे दमखम:वहीं, बिलासपुर में मास्टर चांदीराम हरियाणा, मेहर चंद पाकिस्तान व अन्य नामी पहलवान बिलासपुर की कुश्ती में अपना दमखम दिखाते थे. लेकिन अब की कुश्ती में वह पुरानी बात नहीं रही (Nalwari fair begins) है. लोगों का कहना है कि अब की कुश्ती सिर्फ पैसा बटोरने वाली रह गई है. बिलासपुर का नलवाड़ी मेला पहले बसंत उत्सव के नाम पर मनाया जाता था. कहलूर रियासत के राजा के समय बिलासपुर का नाम पहले इंद्रपुरी हुआ करता था. ऐसे में जब कहलूर रियासत के अंतिम राजा बेटा 1936 में राजा आनंद हुआ तब इसका नाम नलवाड़ी मेले के रूप में मनाया गया था.
राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले का आगाज,पूरे शहर में निकाली गई शोभायात्रा शोभायात्रा में खाकी का रहा पहरा: शहर में निकाली गई शोभायात्रा खाकी के पहरे में निकाली गई. मंदिर में पुरुष व महिला पुलिसकर्मी तैनात रहे. शोभायात्रा के दौरान पुलिस की कुछ टुकड़िया आगे तो कुछ पीछे (Nalwari Fair of Bilaspur) रहीं. अधिकतर पुलिस जवान मुख्य अतिथि व विशेष अतिथियों के साथ रहे. नलवाड़ी मेले में उपायुक्त पंकज राय, एसपी एसआर राणा, एसडीएम सुभाष गौतम सहित सदर विधायक सुभाष ठाकुर व अन्य विभागों के अधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहे. ये भी पढ़ें: होला मोहल्ला मेला को लेकर पांवटा साहिब प्रशासन ने कसी कमर , शहर को चार सेक्टरों में बांटा