बिलासपुरः कोरोना वायरस के संकट ने देश की आर्थिकी पर गहर असर दिखाया है. इससे देश का हर सेक्टर प्रभावित हुआ है. ऐसे में युवा वर्ग को रोजगार दिलाने वाले सरकारी कार्यालय भी इससे अछूते नहीं रह पाए हैं. बात अगर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला स्थित रोजगार कार्यालय की करें तो यहां पर साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में युवाओं के पंजीकरण की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की कमी आई है.
एक समय ऐसा भी था जब रोजगार कार्यालय के बाहर युवाओं की लंबी कतारें देखी जाती थी. यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों युवा नौकरी के लिए पंजीकरण करवाने के लिए भी पहुंचते थे तो कुछ अपनी नौकरी का पता करने के लिए, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ-एक ही युवा कार्यालय में पहुंच रहे हैं.
आंकड़ों दर्शाते हैं कि सरकारी तंत्र से युवा नहीं है संतुष्ट
जिला बिलासपुर के रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 10 हजार 803 युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया था. वहीं, साल 2020 के आंकड़े पूरी तरह से चौंकाने वाले हैं. इस साल अब तक यह आंकड़ा घटकर 3 हजार 504 पर पहुंच पाया है. हालांकि इसका मुख्य कारण कोविड-19 को भी माना जा रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इस बात से भी मनाही नहीं की जा सकती है कि युवा वर्ग को अब कार्यालयों पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है.
साल बीतने पर भी नहीं आती कोई कॉल
युवाओं का कहना है कि रोजगार कार्यालय में अपना नाम पंजीकरण करवाए साल बीत जाते हैं, लेकिन एक बार भी उन्हें किसी भी निजी कंपनी या किसी भी जॉब को लेकर कोई पत्र या सूचना नहीं मिलती है, जिसके चलते अब युवाओं का रूझान यहां से कम हो गया है. युवाओं ने सरकार से उनके लिए रोजगार देने की मांग उठाई है.
आत्मनिर्भर बनने की राह पर बढ़े कई युवा
वहीं, कोरोना भले दुनिया के लिए आपदा बनकर आया हो, लेकिन ये आपदा कई लोगों के लिए अवसर भी लेकर आई है. कोरोना काल के दौरान पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया. कई युवाओं ने आत्मनिर्भर बनने की राह भी पकड़ ली है.
खुद का रोजगार किया शुरू