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बिलासपुर में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 46, जानें इसके लक्षण - Children Health Survey in Himachal

शनिवार को जिला बिलासपुर के एम्स अस्पताल में विशेष शिविर (Special Camp at AIIMS Bilaspur) का भी आयोजन किया गया. जिसमें अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की जांच एम्स के सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों द्वारा की गई. बता दें कि जिला बिलासपुर में कुल 46 अति कुपोषित बच्चे हैं. यह आंकड़ा महिला एवं बाल विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एकत्रित किया गया है.

Special camp organized in AIIMS Bilaspur
बिलासपुर में कुल 46 अति कुपोषित बच्चे

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Published : May 7, 2022, 4:38 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में कुल 46 अति कुपोषित बच्चे हैं. यह आंकड़ा महिला एवं बाल विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एकत्रित किया गया है. ऐसे में इन बच्चों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखने के लिए बिलासपुर उपायुक्त के हस्ताक्षेप के बाद एम्स में विशेष शिविर (Special Camp at AIIMS Bilaspur) का भी आयोजन किया गया. जिसमें इन बच्चों के स्वास्थ्य की जांच एम्स के सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों द्वारा करवाया गया.

शनिवार को आयोजित इस कैंप में स्वयं उपायुक्त पंकज राय पहुंचे और अति कुपोषित बच्चों के परिजनों से भी बातचीत की. जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिला में झंडूता विस क्षेत्र में 23, सदर में 16 व घुमारवीं में 7 अति कुपोषित बच्चों की पहचान हुई है. एम्स के विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर तीव्र कुपोषण एक चिकित्सा और सामाजिक विकार दोनों है. जिले के कुपोषित बच्चों के लिए इस तरह के स्वास्थ्य जांच शिविर भविष्य में भी लगाए जाएंगे, ताकि इस प्रकार के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य जांच परामर्श, व दवाइयां प्रदान करने सहित स्वस्थ व पौष्टिक आहार के बारे जानकारी देकर कुपोषित बच्चों को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके.

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इस अवसर पर शिविर के दौरान बच्चों को अल्प आहार भी प्रदान किया गया. इस शिविर में एम्स के प्रशासनिक अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार, चिकित्सा अधीक्षक एम्स डॉ. दिनेश वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस हरीश मिश्रा, जिला के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा अनुपमा राय, रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिवअमित कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

क्या है कुपोषण: शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार (Malnutrition in Himachal) लंबे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है. कुपोषण से बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से बीमारियों के शिकार बन जाते हैं. कुपोषण से मांसपेशियां ढीली होना अथवा सिकुड़ जाना, कार्य करने पर शीघ्र थकान आना, चिड़चिड़ापन, घबराहट होना, चेहरा नीरस, आंखें के चारों ओर काले घेरे बनना, शरीर का वजन कम होना और कमजोरी, नींद और पाचन क्रिया का गड़बड़ाना तथा खासकर हाथ-पैर पतले और पेट बढ़ा होना या शरीर में सूजन आना कुपोषण के मुख्य कारण है.

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