बिलासपुर: प्रोडक्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम कर चुकी गोविंद सागर झील में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अब इसकी साइंटिफिक स्टडी करवाएगी. इसके लिए सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट शिफरी, बैरकपुर कोलकाता के साथ करार हुआ है. शिफरी की टीम अगस्त के अंत में बिलासपुर का दौरा करेगी. स्टडी एवं रिसर्च के लिए शिफरी के साथ सरकार का एक साल के लिए एमओयू साइन हुआ है.
मत्स्य निदेशालय बिलासपुर के निदेशक सतपाल मेहता ने खबर की पुष्टि की है. सतपाल मेहता ने बताया कि गोविंद सागर में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने को लेकर कोलकाता के विशेषज्ञ साइंटिफिक स्टडी करेंगे. इस बाबत संस्थान के साथ एमओयू हो चुका है. झील में 70 से 100 एमएम साइज का मछली बीज डालना शुरू किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. इस बार अभी तक झील में 50 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हो चुका है और यह आंकड़ा सीजन खत्म होने तक 100 मीट्रिक टन पार कर जाने की संभावना है. इससे इस वर्ष झील में मछली का उत्पादन 400 मीट्रिक टन क्रॉस कर जाएगा.