बिलासपुर: जिला बिलासपुर के प्रत्युष व उत्कर्ष शर्मा की जोड़ी ने देश-प्रदेश में संस्कृत भाषा को प्रमोट करने के लिए नई पहल की है. उन्होंने हाल ही में हिमाचल के प्रसिद्ध लोक गीत माए नी मेरिए को संस्कृत भाषा में तैयार किया है.
इस गीत को दोनों भाईयों ने गाया भी स्वयं है और इसका संगीत भी उन्होंने ही तैयार किया है. शुक्रवार को इस गीत को यू-ट्यूब पर लांच किया गया जिसका विमोचन उपायुक्त बिलासपुर रोहित जम्वाल ने बचत भवन में किया. खास बात यह है कि इस गीत को संस्कृत के साथ-साथ इंग्लिश और मलयालम में भी ट्रांस्लेट किया गया है ताकि देश और विदेश में भी इस गीत को सुना और समझा जा सके.
इस गीत को बीएड कॉलेज धर्मशाला में संस्कृत के सहायक प्राचार्य आचार्य मनोज कुमार ने पहाड़ी से संस्कृत भाषा में अनुवादित किया है. वहीं, पहाड़ी गीत को मलयालम भाषा से जोड़ने के माध्यम से दोनों भाईयों ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत अभियान को भी प्रमोट करने की कोशिश की है जिसके लिए उन्हें उनके पिता और संगीत प्रवक्ता अनूप शर्मा से प्रेरणा मिली है.
इस दौरान उपायुक्त रोहित जम्वाल ने कहा कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती है. संस्कृत भाषा में चम्बयाली गीत को गाने के बाद भी इसमें लोक संस्कृति की खुशबू वैसी ही है. साथ ही संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में दोनों भाईयों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने दोनों भाईयों के उज्जवल भविष्य की कामना की. साथ ही उनके पिता अनूप शर्मा को अपने बच्चों को ऐसे संस्कार और प्रतिभा देने के लिए बधाई दी.
वहीं, संगीत प्रवक्ता अनूप शर्मा ने बताया कि प्रत्युष व उत्कर्ष ने वर्ष 2019 में भोपाल मध्य प्रदेश में आयोजित कला उत्सव में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया था. इस उत्सव में देशभर के राज्यों को एक दूसरी की संस्कृति को जानने और सीखने के लिए दो-दो राज्यों को आपस जोड़ा गया था.
इसी कड़ी में केरला और हिमाचल को एक दूसरे से जोड़ा गया है और उनका ग्रुप बनाया गया है ताकि वह अपनी संस्कृति का आदान प्रदान कर सकें. उधर, अभी हाल में प्रत्युष शर्मा का चयन दिल्ली विश्वविद्यालय में हुआ है, जहां वह संगीत ऑनर करेंगे. यहां उन्होंने पांचवां स्थान प्राप्त किया है.
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