बिलासपुर: एम्स के पहले दिन एमबीबीएस बैच की पहली कक्षा शुरू हुई वहीं वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा पहले सत्र में कोविड-19 विषय पर ओरिएंटेशन लेक्चर का आयोजन किया गया. नए मेडिकल विद्यार्थियों को संबोंधित करते हुए एसोसिएट प्रोफेसर ईएनटी सर्जन डॉ. डार्विन कौशल ने एम्स की पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए बताया कि बिलासपुर में एम्स का खुलना एक वरदान से कम नही है.
एम्स में सभी रोगों के इलाज की सुविधा
एम्स सभी रोगों के निदान की सुविधा मरीजों को मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संस्थान हैं जहां पर समाज के हर वर्ग के लोगों का समुचित एवं समय के साथ बहुत कम दरों पर इलाज मुहैया होगा. डॉ. डार्विन ने वैश्विक बीमारी कोविड-19 पर चर्चा करते हुए बताया कि यह एक संक्रामक रोग है, जो फैलते- फैलते एक महामारी बन चुका है, जिससे बचाव मात्र ही एक उपाय है.
कोरोना से बचाव ही एक मात्र उपाय
उन्होंने ने कहा इस वैश्विक बिमारी से अगर बचना है तो सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग बहुत जरूरी है. गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों से आए विद्यार्थी अभी क्वारंटीन पीरियड में हैं. क्योंकि कोविड 19 से बचाव तभी संभव है जब हमें इसकी सही एवं सटीक जानकारी हो.
ऑनलाइन कार्यक्रम में 48 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया
ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में 48 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. बच्चों ने ऑनलाइन माध्यम से अपनी समस्याओं को डॉक्टरों के समक्ष रखा जिसे डॉ. डार्विन और डॉ. दिप्ती ने सहजता से दूर किया. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हालांकि कोविड.19 के बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी की गई है. लेकिन लापरवाही से न सिर्फ अपना बल्कि समाज का भी बड़ा नुकसान हो सकता है. वहीं, बायो केमिस्ट्री विषय से असिस्टेंट प्रो. दीप्ति मलिक ने बच्चों को संबोधित करते इस वायरस के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि यह वायरस जब शरीर में प्रवेश करता हैं तो शरीर के श्वसन प्रणाली पर सीधा अटैक करता है जिससे सांस लेने में परेशानी और सर्दी जुकाम जैसे लक्षण उभरते है, जिससे व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करना जरूरी है.
कार्यक्रम सात दिन चलेगा
डॉ. दीप्ती मलिक ने आम जनता से इस वायरस और बीमारी से बचने के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी. डॉ. डार्विन कौशल ने बताया कि कोविड-19 विषय पर आयोजित ओरिएंटेशन लेक्चर का आयोजन उपनिदेशक ले. कर्नल सुखदेव नांग्याल की देखरेख में किया गया और यह कार्यक्रम सात दिन चलेगा.
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