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अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पीएमएपीएस-एससी स्कीम की गई शुरूः जीतराम कटवाल - झंडूत्ता के विधायक जीतराम कटवाल

झंडूत्ता के विधायक जीतराम कटवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति पीएमएपीएस-एससी योजना शुरू की है ताकि वे अपने उच्चतर शिक्षा को पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है.

Jitaram Katwal on PMAPS SC Scheme
Jitaram Katwal on PMAPS SC Scheme

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Published : Jan 4, 2021, 4:35 PM IST

बिलासपुरः जानकारी झंडूत्ता के विधायक जीतराम कटवाल ने बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच सालों में पांच करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति पीएमएपीएस-एससी की केंद्रीय प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है ताकि वे अपने उच्चतर शिक्षा को पूरा कर सके.

विधायक जीतराम कटवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि जनधन और किसान सम्मान योजना के बाद केंद्र सरकार की यह बड़ी महत्वाकांक्षी योजना सामने आई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है.

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केंद्र सरकार खर्च करेगी 60 प्रतिशत राशि

इसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये यानि 60 प्रतिशत खर्च करेगी और बाकि राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी. यह स्कीम मौजूदा प्रतिबद्ध को प्रतिस्थापित देयता प्रणाली करेगी और इस महत्वपूर्ण स्कीम में केंद्र सरकार की भागीदारी अधिक होगी. उन्होंने कहा कि एससी जनसंख्या के शैक्षिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में एससी छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीम भारत सरकार का सर्वाधिक एकल हस्तक्षेप है.

पारदर्शिता की जाएगी सुनिश्चित

केंद्र सरकार इन प्रयासों को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि 5 साल के समय के भीतर जीईआर उच्चतर शिक्षा राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने इस स्कीम के उपयुक्त कार्यान्वयन पर अधिक जोर दिया है ताकि समय पर भुगतान किया जा सके, व्यापक जवाबदेही, निरंतर निगरानी और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.

विधायक ने कहा कि गरीब-से-गरीब परिवारों के 10वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा. अनुमान है कि 1.36 करोड़ ऐसे सबसे गरीब छात्र जो वर्तमान में 10वीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं, को अगले पांच वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा.

सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी होगी संचालित

उन्होंने कहा कि यह स्कीम सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संचालित की जाएगी. जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य क्षमता, और बिना देरी के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी. राज्य पात्रता, जातिगत स्थिति, आधार पहचान और बैंक खाता के ब्यौरे की ऑनलाइन पोर्टल पर अभेद्य जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता का आहरण डीबीटी मोड के माध्यम से और अधिमान्यता आधार सबल भुगतान प्रणाली को प्रयोग में लाकर किया जाएगा.

साल 2021-22 से प्रारंभ करते हुए इस स्कीम में केंद्र का अंश 60 प्रतिशत निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी मोड के माध्यम में सीधे जारी किया जाएगा.

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