बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से साहसिक खेलों को लेकर तैयार की गई नई नियमावली से प्रदेश के पैराग्लाइडिंग पॉयलट और अन्य साहसिक खेलों से जुड़े युवा असंतुष्ट हैं. अपनी मांगों को लेकर गुरूवार को हिमाचल पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मनाली में मुलाकात की.
पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विशाल जस्सल ने बताया कि नई नियमावली में किए गए बदलाव से हिमाचल में साहसिक खेलों में काम करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड अब खुले हैं तो लोग हिमाचल में क्यों आएंगे.
हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले अतिरिक्त सुविधाएं देनी होंगी, ताकि पर्यटन व्यवसाय में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिल सके और सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो सके.
उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व शिमला आदि स्थानों से नजदीक हैं. वहां के लोग इस आनंद से वंचित हो जाएंगे. पैराग्लाइडिंग में एसआईवी कोर्स के लिए पौंग डैम का निर्धारण किया जा रहा है. इस पर एक कृत्रिम स्थान का निर्माण करना पड़ेगा.
एसोसिएशन का कहना है कि वहां पर इस खेल के लिए प्रशिक्षण के लिए लिए पहले एक विंच का खरीदना जरूरी है व इससे प्रशिक्षण के लिए पहले पांच दिन का प्रशिक्षण लेना पड़ेगा. इससे उड़ान भरने के लिए पावर बोट का होना भी जरूरी है व सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सुविधाओं का होना भी जरूरी है.