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बिलासपुर में कोरोना के साथ चिकनगुनिया का खतरा, यहां जानिए कारण, लक्षण और बचाव

बरसात के मौसम में जगह-जगह जलभराव के कारण पैदा होने वाले मच्छरों से चिकनगुनिया और अन्य जल जनित बीमारियों के होने का खतरा फिर बढ़ जाता है. ऐसे में कोरोना के साथ ही इन बीमारियों से भी बचाव करें. इसके लिए प्रशासन ने एहतियात बरतने के लिए अपील की है.

chikungunya during rainy season
chikungunya during rainy season

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Published : Aug 30, 2020, 4:49 PM IST

बिलासपुरः इन दिनों देश में कोरोना का संकट चरम पर है, लेकिन मानसून में जगह-जगह हुए जलभराव में पैदा होने वाले मच्छरों से चिकनगुनिया व अन्य जल जनित बीमारियों के होने का भी खतरा है. इसके लिए प्रशासन ने एहतियात बरतने के लिए अपील की है.

चिकनगुनिया का रोग एक संक्रमित मच्छर के एक बार काटने से हो जाता है. इतना ही नहीं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है. चिकनगुनिया बुखार के लक्षण सामान्य बुखार से अलग होते हैं. रोगी को संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के तीन से सात दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं.

यह जोड़ों के दर्द के कारण स्तब्ध हो जाने की स्थिति को बताता है. ये मच्छर आमतौर पर दिन और दोपहर के समय में काटते हैं और चिकनगुनिया के मच्छर घर से ज्यादा बाहर काटते हैं. हालांकि, वे घर के अंदर भी पैदा हो सकते हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

ये हैं चिकनगुनिया के लक्षण

अचानक बुखार आना, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सरदर्द, थकान व रैशेस चिकनगुनिया के लक्षण हैं. हालांकि, ये लक्षण बहुत सामान्य लगते हैं और कई अन्य कारणों से भी हो सकते हैं, लेकिन यदि यह कुछ दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं तो सलाह दी जाती है कि आप खुद की जांच चिकित्सकीय पेशेवर द्वारा करा लें.

अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह आंखों के नुकसान के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल और हृदय संबंधी जटिलताओं सहित बड़े नुकसान का कारण बन सकता है. पुराने मरीजों में, यदि इसका इलाज नहीं किया जाएं तो इससे मृत्यु भी हो सकती है.

चिकनगुनिया से ऐसे करें बचाव

  • आस-पास सफाई रखें ताकि मच्छर पैदा ना हों.
  • पानी इकट्ठा ना होने दें.
  • मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
  • मच्छर भगाने/मच्छर रोधी उत्पादों का इस्तेमाल करें
  • शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें.
  • लक्षण मिलने पर डॉक्टरी सलाह लें.

साल 2018 में एकाएक बिलासपुर में बढ़ गए थे चिकनगुनिया और डेंगू के मामले

साल 2018 में प्रतिदिन दर्जनों चिकनगुनिया और डेंगू के मामले सामने आ रहे थे. बिलासपुर जिला समूचे देश में डेंगू मामलों को लेकर चौथे स्थान पर था. इसको लेकर यहां पर हालात ऐसे हो गए थे कि बिलासपुर में 2018 में दो हजार से अधिक डेंगू के मामले सामने आए थे.

वहीं, इन हालातों पर रिसर्च के लिए पुडुचेरी, दिल्ली व शिमला की टीम भी बिलासपुर जिला का पहुंची थी. बिलासपुर के विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के साथ-साथ अगर डेंगू या चिकनगुनिया के मामले बिलासपुर में आना शुरू हो जाएंगे तो यहां पर स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है.

चिकनगुनिया व अन्य जल जनित बीमारियों से निपटने के लिए प्रशासन तैयार

उधर, जिला प्रशासन ने शुरुआती चरण में ही इसे लेकर बैठकें करना शुरू कर दी हैं. साथ ही यहां पर फाॅगिंग करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं ताकि यह मच्छर शुरुआती दौर पर ही उनको खत्म किया जा सके. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर एक भी मामला यहां पर सामने आ जाता है तो शुरुआती चरण में ही यहां पर एपेडेमिक एक्ट लागू कर दिया जाएगा.

इस एक्ट में चिकित्सकों की टीम समूचे शहर का दौरा करेगी. अगर किसी के भी घर में डेंगू या चिकनगुनिया का लक्षण पाया जाता है तो उनका चालान किया जाएगा. बता दें कि चिकनगुनिया और डेंगू से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां कर रखी है.

विभाग ने स्वास्थ्य वकर्ज की विशेष टीम का भी गठन कर लिया है. यह टीम पूरे जिला के व हाॅट स्पाॅट एरिया में जाकर लोगों के घरद्वार में जाकर चिकनगुनिया के लारवे की जांच करेगी. वहीं, इस दौरान जांच में अगर किसी के भी घर में का लार्वा पाया जाता है तो उसका चालान भी जल्द काटना विभाग शुरू करेगा.

बिलासपुर में भले चिकनगुनिया का कोई मरीज नहीं आया हो, लेकिन कोरोना के साथ बरसाती मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी एहतियात बरत रहा है. चिकनगुनिया के लक्षण कुछ दिन बाद नजर आते हैं. इसलिये लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए.

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