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लंबे समय से लटके कीरतपुर-जड़ोल फोरलेन का निर्माण करेगी हरियाणा की ये फर्म - Bilaspur news

लंबे समय से लटके कीरतपुर से जड़ोल तक फोरलेन का निर्माण अब हरियाणा की गाबर कंपनी करेगी. कंपनी को दो हजार करोड़ का टेंडर आवंटित हुआ है. यह कंपनी देश में बड़े प्रोजेक्टों पर काम कर चुकी है और दिल्ली के यूपी गेट से लेकर यूपी के डासना तक बीस किलोमीटर 14 लेन का निर्माण कर चुकी है. लखनऊ में आठ लेन का रिंग रोड भी बना चुकी है.

Kiratpur-JALOD Four lane CONSTRUCTION WORK  WILL START SOON
फोरलेन का निर्माण.

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Published : Dec 3, 2020, 1:19 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 1:51 PM IST

बिलासपुर: लंबे समय से लटके कीरतपुर से जड़ोल तक फोरलेन का निर्माण अब हरियाणा की गाबर कंपनी करेगी. कंपनी को दो हजार करोड़ का टेंडर आवंटित हुआ है. फोरलेन में रोड अलाइनमेंट में बदलाव के बाद बिलासपुर जिला प्रशासन की ओर से कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी रिपोर्ट तैयार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून की ओर से लगाई गई आपत्तियों को दूर करेगी. सामने आए तथ्यों के आधार पर नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया प्रस्ताव में आवश्यक संशोधन कर रिपोर्ट देहरादून को सबमिट करेगी. हरी झंडी मिलते ही फोरलेन का कार्य शुरू हो जाएगा.

बीच में ही काम छोड़कर चली गई थी कंपनी

बता दें कि फोरलेन निर्माण के दौरान रोड अलाइनमेंट में मनमर्जी से बदलाव किए जाने की शिकायत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को गई थी. इस पर संज्ञान लेते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से आपत्तियां लगाते हुए काम बंद करने के आदेश जारी किए गए थे. पहले जिस कंपनी आईएलएफएस को निर्माण कार्य सौंपा गया था, प्रोजेक्ट में घाटा होने को लेकर विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए काम बीच में ही छोड़कर चली गई थी. उसके बाद कार्य बंद पड़ा था.

सीएम ने केंद्रीय मंत्री से की थी चर्चा

फोरलेन निर्माण का काम बंद होने का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष यह मसला उठाया था, जिसके बाद अब यह प्रगति हुई है. इस बाबत बीजेपी के चीफ जेपी नड्डा ने भी मंत्रालय में बात की थी. खास बात यह है कि यह कंपनी देश में बड़े प्रोजेक्टों पर काम कर चुकी है और दिल्ली के यूपी गेट से लेकर यूपी के डासना तक बीस किलोमीटर 14 लेन का निर्माण कर चुकी है. लखनऊ में आठ लेन का रिंग रोड भी बना चुकी है.

प्रोजेक्ट का यह भी एक सच

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवीन मिश्रा ने बताया कि फोरलेन पर कैंचीमोड़ से जड़ोल के बीच कुछ जगहों पर रोड अलाइनमेंट में डायवर्जन किया ही नहीं है. सच्चाई यह है कि किसी त्रुटि की वजह से रोड अलाइनमेंट के फाइनल मैप के बजाय दूसरा ड्राफ्ट मैप प्रोपोजल में लगा दिया गया था, जिसकी वजह से आपत्तियां दर्ज की गई हैं. हालांकि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. अब जैसे ही कमेटी की रिपोर्ट आती है. उसे स्टडी किया जाएगा और उसमें रोड अलाइनमेंट में बदलाव की बात सामने आती है, तो उसे दुरूस्त कर संशोधित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.

Last Updated : Dec 3, 2020, 1:51 PM IST

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