बिलासपुरः मंदिर न्यास श्री नैना देवी युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालकर उनका भविष्य संवारने के लिए अहम भूमिका निभाएगा. इस बाबत मंदिर न्यास के सहयोग से स्वारघाट में इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने का रास्ता साफ हो गया है. 15 बैड के एकीकृत पुनर्वास केंद्र के लिए 17 लाख 4 हजार रूपए के बजट का प्रावधान है और इसका संचालन मिड हिमालयन परियोजना के भवन में किया जाएगा.
उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक या दो महीनों में केंद्र शुरू हो जाएगा. एकीकृत पुनर्वास केंद्र के संचालन का जिम्मा प्रदेश की नामी एनजीओ गुंजन को सौंपा गया है. यह एनजीओ कुल्लू व धर्मशाला में भी केंद्रों का संचालन कर रही है जबकि हमीरपुर में भी एक केंद्र प्रस्तावित है.
राज्य सरकार ने भी प्रत्येक जिला में ऐसे केंद्र खोलने की योजना बनाई है. इसके लिए सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश जारी हुए हैं. योजना का क्रियान्वयन जिला कल्याण विभाग के माध्यम से होगा. जिला बिलासपुर में भी इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने की योजना है.
इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए बजट का प्रावधान मंदिर न्यास श्री नैना देवी से किया गया है. पिछले साल 19 सितंबर को मंदिर न्यास की मीटिंग में यह अहम निर्णय लिया गया था और मंदिर न्यास आयुक्त व डीसी राजेश्वर गोयल ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए निर्देश दिए थे.