बिलासपुर:आखिरकार देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का शुभारंभ (Bilaspur Hydro Engineering College) बिलासपुर के बन्दलाधार में हो गया. तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने वीरवार को जिला बिलासपुर के बंदला में राजकीय हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के नए परिसर में प्रथम वर्ष की कक्षाओं और कन्या छात्रावास का शुभारंभ किया.
इस नए परिसर का निर्माण एनएचपीसी और एनटीपीसी ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व योजना (first Hydro Engineering College of India) के तहत एनपीसीसी के माध्यम से करवाया है. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित शुभारंभ समारोह (Hydro Engineering College Bilaspur inauguration) में कॉलेज के अधिकारियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के अलावा बड़ी संख्या में उपस्थित स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद बंदला की कठिन पहाड़ी पर हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है.
अभी तक इस पर लगभग 105 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसके लिए शीघ्र ही 40 करोड़ की अतिरिक्त (hydro engineering college in HP) धनराशि का प्रावधान भी किया जा रहा है. डॉ. मारकंडा ने बताया कि अभी यहां प्रथम वर्ष की कक्षाएं ही आरंभ की जा रही हैं, जबकि कॉलेज का विधिवत उदघाटन भी जल्द ही संभवतः एम्स बिलासपुर के साथ ही कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि एनएचपीसी और एनटीपीसी ने कॉलेज के लिए 125 करोड़ रुपये की मदद ही नहीं दी है, बल्कि इस संस्थान के संचालन में भी इन दोनों सार्वजनिक उपक्रमों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि कॉलेज में अभी सिविल और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की कक्षाएं चलाई जा रही हैं. आने वाले समय में यहां अन्य विषय भी आरंभ किए जाएंगे तथा वर्तमान में नगरोटा में चलाई जा रही इस कॉलेज की कक्षाएं भी बंदला में शिफ्ट की जाएंगी. उन्होंने कहा कि कॉलेज में स्थानीय लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी.