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कुपोषण मुक्त भारत निमार्ण की तैयारी, भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन

पोषण माह के उपलक्ष्य पर हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की ओर से बिलासपुर जिले के भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (Chairperson of State Womens Commission) डाॅ. डेजी ठाकुर ने कहा कि पोषण माह का मुख्य उद्देश्य कुपोषण मुक्त भारत का निर्माण करना है. इसी कड़ी में प्रदेश भर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

State Commission for Women organized awareness camp in Bhaged
भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन.

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Published : Sep 10, 2021, 4:30 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग (Himachal Pradesh State Commission for Women) की ओर से पोषण माह के उपलक्ष्य पर ग्राम पंचायत बकरोहा के भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (Chairperson of State Womens Commission) डाॅ. डेजी ठाकुर ने की. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय है और आईसीडीएस के हर कार्यक्रम का महत्वपूर्ण रोल होता है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की हर योजनाओं को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती है.

डेजी ठाकुर ने कहा कि अपना और बच्चों के आहार का ध्यान रखने के लिए प्रधान मंत्री द्वारा मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matri Vandana Yojana) आरंभ की गई है, जिसके अंतर्गत अभी तक आठ करोड़ की राशि व्यय कर दो करोड़ दस लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान सामुदायिक भागीदारी पर विशेष फोकस के तहत हर नागरिक को पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है.

भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन.

उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए बाजरा, दालें, बारहमासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों, फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने इस अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन को सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जा रही है और महामारी के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया जा रहा है.

भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन.

दूसरे सप्ताह में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूहों के लिए आयुष और योग कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अभियान तीसरे सप्ताह में आइईसी सामग्री के साथ आंगनबाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरित की जाएंगी. इसी प्रकार चैथे सप्ताह में एसएएम की पहचान और उनके लिए पोष्टिक भोजन के वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा. वहीं, चैथे सप्ताह के दौरान एसएम बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की लम्बाई, उंचाई और वजन मापने की प्रक्रिया के दौरान घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा.

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बता दें कि जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करने के साथ-साथ पोषण के महत्व के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी. आयुर्वेदिक केंद्र औहर की डाॅक्टर शिवानी ने महिलाओं से स्थानीय फलों और सब्जिओं का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सब्जी धोने के बाद ही काटें ताकि उसके पोषक तत्व नष्ट न हों. इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत बकरोहा कमलेश कुमारी, सीडीपीओ झंडूत्ता नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ घुमारवीं रंजना शर्मा, पर्यवेक्षक शक्ति सिंह, सरोज कुमार, अंजना देवी, आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सदस्य और महिला मंडल सदस्यों सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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