बिलासपुर:एक तरफ देश जहां कोरोना महामारी से लड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर बरसात का सीजन आने से डेंगू के मामले भी बढ़ सकते हैं. हिमाचल में बाहर से आने वाले लोगों के आगमन के साथ ही प्रदेश में हर रोज कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं.
साल 2018 में पूरे भारत में डेंगू के मामलों में बिलासपुर जिला चौथे नंबर रहा था. ऐसे में कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे के साथ डेंगू सीजन के नजदीक आने से बिलासपुर जिला के स्वास्थ्य विभाग की चिंता दोगुनी हो गई है. विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है.
जानकार बताते हैं कि कोरोना के साथ डेंगू का मिक्स होना खतरे को और भी बढ़ा सकता है. ऐसे में एहतियात के तौर पर बिलासपुर जिला के शहरी और ग्रामीण इलाकों में फॉगिंग करवाने के लिए प्लान बना लिया गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों का कोटा भी अपने पास स्टोर कर लिया है.
दरअसल जून, जुलाई, अगस्त और सिंतबर महीने में डेंगू के फैलने का अधिक खतरा होता है. तैयारियों को लेकर जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग व नगर परिषद के अधिकारियों की बैठक हुई. जिला स्वास्थ्य विभाग इस बार लोगों को कोरोना के साथ डेंगू से बचने के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध करवाएगा.
बैठक में जिला प्रशासन और एसडीएम को ब्लॉक स्तर पर फॉगिंग करवाने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए लोक संपर्क विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, नगर परिषद को शहर में फॉगिंग व डोर-टू-डोर जागरूकता के लिए कहा गया है.
नगर परिषद के अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है कि वह जल्द ही लोगों के घरों का निरीक्षण करना भी शुरू कर देंगे. इस दौरान अगर किसी भी व्यक्ति के घर डेंगू का लारवा पाया जाता है तो उस परिवार का चालान भी किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह का कहना है कि डेंगू के टेस्ट के लिए टेस्ट किट भी आईजीएमसी शिमला से मंगवाई गई है. डेंगू मामलों को लेकर जिला अस्पताल में एलिजा टेस्ट किया जाएगा.
वहीं, अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत प्रभाव से उनको जिला अस्पताल भेजा जाए ताकि संदिग्धता के आधार पर लोगों का डेंगू टेस्ट किया जा सकें.