बिलासपुर:मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए हर महीने के पहले शनिवार को शिविर लगाए जाते थे, लेकिन अब जनवरी 2020 से ये शिविर हर महीने के पहले शुक्रवार को लगेंगे.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार विधेयक 2016 के तहत दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है. जिसमें अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति, बहरापन, लोकोमीटर दिव्यांगता, बौनापन, बौद्विक दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्टाफी, जीर्ण तंत्रिका संबंधी स्थितियां, विशिष्ट सीखने की अक्षमता, मल्टीपल स्केलेरोसिस, भाषण और भाषा दिव्यांगता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, स्किल सेल रोग, बहरापन सहित कई दिव्यांगता, एसिड अटैक पीड़ित तथा पार्किंसंस रोग शामिल है.
डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि इन सभी दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र हेतु ऑनलाइन आवेदन पर अपना पंजीकरण करवा कर, विशेष शिविरों में व हर महीने के प्रथम शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से जारी किए जाएंगे. दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरुरी दस्तावेज में राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और दिव्यांग व्यक्ति के 4 फोटो सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में हर महीने के प्रथम शुक्रवार को आयोजित होने वाले विशेष चिकित्सा शिविर में उपस्थित हो.
दिव्यांगता प्रमाण पत्र सामाजिक कल्याण विभाग में पंजीकरण करवाना आवश्यक
उन्होंने बताया कि शिविर में प्रार्थी की मेडिकल बोर्ड में चिकित्सकों की टीम द्वारा परीक्षण के बाद दिव्यांगता का आंकलन किया जाता है. जिसके उपरांत दिव्यांग प्रार्थियों के पक्ष में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. उन्होंने बताया कि प्रार्थी को दिव्यांगता प्रमाण पत्र सामाजिक कल्याण विभाग में पंजीकरण करवाना आवश्यक हैं. इसके बाद ही यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड के माध्यम से व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकता है.