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वीरेंद्र कंवर हैं हिमाचल के लालू, किए हैं कई घोटाले: रामलाल ठाकुर

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 ( Himachal Assembly Elections 2022) में अभी भले ही वक्त है, लेकिन जीत में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए इसके लिए कांग्रेस प्रदेश की वर्तमान सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहती है. वहीं, अब हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन एवं नैनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने मंत्री वीरेंद्र कंवर पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वीरेंद्र कंवर हिमाचल के लालू हैं. इसके साथ ही रामलाल ठाकुर ने और क्या आरोप लगाए हैं....

Ramlal Thakur press conference in bilaspur.
हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन रामलाल ठाकुर का मंत्री वीरेंद्र कंवर पर गंभीर आरोप.

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Published : Jul 20, 2022, 6:06 PM IST

बिलासपुर: चुनावी साल में हिमाचल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन (Himachal Congress Election Management Committee Chairman) एवं श्री नैनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने पंचायतीराज, कृषि, ग्रामीण विकास, पशुपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर पर बड़ा हमला बोला है. आरोप लगाया है कि मंत्री हिमाचल का नया लालू (ramlal thakur made serious allegation against virender kanwar) हैं. इनके सभी विभागों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. पशुओं के नाम पर पैसा हजम किया गया.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि गोबिंदसागर झील में मछली की पैदावार (Fish production in Gobindsagar lake) बहुत कम रह गई है. चूंकि अब चुनाव के लिए महज तीन माह (Himachal Assembly Elections 2022) का ही समय शेष बचा है. इसलिए मंत्री वीरेंद्र कंवर जल्द ही उनके आरोपों पर स्पष्टीकरण दें.

हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन रामलाल ठाकुर का मंत्री वीरेंद्र कंवर पर गंभीर आरोप.

रामलाल ठाकुर ने बुधवार को परिधिगृह में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोठीपुरा में पशुपालन विभाग का एक फार्म था और यह फार्म पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत परमार के समय का था. एम्स के लिए जमीन का चयन होने के बाद इस फार्म को रघुनाथपुरा में शिफ्ट करने की गुजारिश की गई, लेकिन विधानसभा में मसला उठाने के बावजूद ऐसा नहीं हो पाया और मंत्री ने अपने हलके में यह फार्म शिफ्ट कर दिया.

रघुनाथपुरा में शिफ्टिंग को लेकर हवाला दिया गया कि वहां पर गत्ता फैक्ट्री के नाम से जमीन ही नहीं है. इसलिए उसे वहां पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. रामलाल ठाकुर ने कहा कि जो गाय फार्म में उपलब्ध थीं, उन्हें नीलाम किया गया और कुछ गायों को आधी कीमत पर अपने चहेतों को दे दिया गया. रामलाल ठाकुर ने कहा कि जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अपने हक को लेकर आंदोलनरत रहे और मंत्री शिमला की हवा लेते रहे.

उन्होंने कहा कि इस कैडर के कर्मियों का मसला जब वित्त विभाग के पास पहुंचा तो तर्क दिया गया कि यह सरकार के कर्मचारी ही नहीं हैं. इसके चलते इस कैडर के कर्मियों को सैलरी तक के लाले पड़ गए. कांग्रेस नेता ने कहा कि मंत्री ने पिक एंड चूज की नीति अपनाई है, जिसके चलते इन कर्मियों का गला घोटने का काम हुआ है. बेशक, अब सीएम के आश्वासन के बाद कर्मियों ने हड़ताल बंद की है, लेकिन इस वर्ग के साथ न्याय होगा क्या.

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