बिलासपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राम लाल ठाकुर ने बताया कि यह आम बजट मिडिल क्लास के लिए निराशाजनक (ram lal thakur reaction on Union budget) है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कहती ही है, करती कुछ भी नहीं. उन्होंने कि यह बजट गरीब का नहीं है, बल्कि अमीर लोगों का बजट है. ये सरकार केवल कहती है, करती कुछ नहीं है. देश की जनता जान चुकी है कि सरकार कोई वायदा पूरा नहीं करेगी.
राम लाल ने कहा कि किसानों की एमएसपी को लेकर कानूनी रूप देने की बात थी, जोकि नहीं किया गया. यह सरकार आम आदमी की सरकार नहीं है. हीरे पर ड्यूटी कम करने पर भी राम लाल ने जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव में इसका उल्टा असर दिखेगा. जनता इनको दौड़ाएगी.
राम लाल ठाकुर ने कहा कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (second term of modi government) का चौथा बजट है. आम बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इससे आम आदमी खासकर मिडिल क्लास की उम्मीदें चकनाचूर हो गई है. हालांकि, कॉरपोरेट टैक्स में राहत दी गई है. जिससे नरेंद्र मोदी के कॉर्पोरेट मित्रों को ही फायदा होगा. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है, जिसके कारण कालाबजारी को बढ़ावा मिलेगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कॉरपोरेट टैक्स को 18 प्रतिशत से घटकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया, लेकिन जीएसटी के बारे में कुछ नहीं कहा गया. उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा, जो कि सरासर गलत है. अब तो हालात यह कर दिए गए हैं कि सुबह कमाओ और शाम को खाओ, बचत का नामोनिशान मिटा दिया गया है. देश की वित्त मंत्री ने की ये बड़ी घोषणाएं सिर्फ कागजी पुलाव ही है.
कांग्रेस नेता राम लाल ठाकुर ने कहा कि अगले तीन साल के दौरान 400 नई वंदेभारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जबकि हिमाचल में रेल विस्तारीकरण (Rail Expansion in Himachal) की कोई ठोस योजना सामने नहीं आई हैं. 'मेक इन इंडिया' के तहत 60 लाख रोजगार सृजित किए जा सकते हैं. 2 करोड़ सालाना रोजगार देने के वायदे का क्या हुआ. ई-पासपोर्ट, 5G मोबाइल सर्विस के रोलआउट के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी, दो साल के भीतर अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की सुविधा, डिजिटल रुपया, डिजिटल यूनिवर्सिटी (digital university in budget) की बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो की गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होगी, अब 100 स्मार्ट सिटी और जनधन की बात क्यों नहीं की गई.
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