बिलासपुर:जंगलों में पैदा हो रही चीड़ पत्तियां अब लोगों के रोजगार का जरिया बनेंगी. वन विभाग जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) परियोजना के तहत बिलासपुर जिले में पायलट बेस पर नये प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहा है, जिसके लिए शीघ्र ही एसीसी सीमेंट (ACC Ciment) फैक्टरी प्रबंधन के साथ एमओयू साइन किया जाएगा. चीड़ पत्तियों (Pine Leaves) को कंप्रेस कर ब्रिकेट्स (Briquettes) बनाने के लिए बाकायदा कमेटियों को मशीनरी भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
कमेटियां ब्रिकेट्स तैयार करेंगी और इसकी पैकिंग के बाद एसीसी फैक्टरी (ACC Factory) को सप्लाई भेजी जाएगी. प्रोजेक्ट सफल रहा तो इस प्रोजेक्ट को पूरे हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के शुरू करने के पीछे कई मकसद हैं. एक तो फायर सीजन में जंगलों में लगने वाली आग से वन संपदा सुरक्षित रहेगी. वहीं, स्थानीय लोगों को घर बैठे रोजी रोटी का जुगाड़ हो पाएगा.
जानकारी के मुताबिक बिलासपुर जिले में 20 हजार हेक्टेयर एरिया (20 thousand Hectares area) में चीड़ के जंगल (Pine Forest) हैं. चीड़ जंगलों में हर साल फायर सीजन (Fire Season) के दौरान आगजनी की घटनाएं होती हैं, जिनमें लाखों की वन संपदा व जीव जंतु जल जाते हैं. चीड़ के जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर पायलट आधार पर काम करना शुरू किया है. जिले भर में चीड़ के जंगलों से सटी पंचायतों में 26 कमेटियों का गठन किया गया है. यह कमेटियां वनों में चीड़ पत्तियां एकत्रित करने का कार्य करेंगी, जिसके एवज में निर्धारित राशि विभाग की ओर से इनके ज्वाइंट बैंक अकाउंट्स (Joint Bank Account) में जमा करवाई जाएगी.