बिलासपुर:स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर की सबसे बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है. बिलासपुर जिला के घुमारवीं क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 36 साल पहले मृत व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करने के आदेश जारी कर दिए है. साथ ही, उक्त व्यक्ति को होम आइसोलेशन रहने की बात कर दी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब मृतक के परिजनों के मोबाइल फोन पर उक्त व्यक्ति का विवरण सहित सारी जानकारी दी गई. यह देखकर परिवारवाले भी हैरान हो गए.
पहले भी स्वास्थ्य विभाग कर चुका है गलती
इस महामारी के दौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरती गई लापरवाही के चलते विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. वहीं, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर ने कुछ सप्ताह पहले भी स्वस्थ्य व्यक्ति को कोरोना पाॅजिटिव बता दिया और बाद में जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त व्यक्ति का गलत विवरण दे दिया था, वह पाॅजिटिव नहीं बल्कि कोई दूसरा व्यक्ति पाॅजिटिव है.
ये है मामला
घुमारवीं स्वास्थ्य विभाग की टीम एक दिसंबर को पडयालग पंचायत के गांव बाड़ी में सैंपल लेने के लिए गई थी. बाड़ी गांव में पहले एक कोरोना का मामला आने के बाद इस गांव के लोगों के सैंपल लिए गए. इनमें एक परिवार से मदनलाल, उनकी पत्नी और बेटे के भी सैंपल लिए गए. सैंपल लेने के बाद मदनलाल के फोन पर स्वास्थ्य विभाग ने संदेश भेजा, जिसमें मदनलाल के पिता प्रभुराम के सैंपल लेने की बात कही गई. मैसेज देखकर परिवार के लोग हैरत में पड़ गए, क्योंकि मदनलाल के पिता प्रभुराम का देहांत हुए 36 साल हो चुके हैं.
विभाग की कार्य प्रणाली पर रोष
मदनलाल ने बताया कि शुक्रवार को उसके बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं परिवार के सैंपल लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके मृतक पिता के सैंपल लेने का भी मैसेज उन्हें भेज दिया इसमें उन्हें आइसोलेट होने की बात कही गई थी. मदनलाल ने स्वास्थ्य विभाग की इस गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली पर रोष जताया है. वहीं, इस संदर्भ में सीएमओ बिलासपुर से बातचीत करने के प्रयास किए गए लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.