बिलासपुर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी मामला नहीं हैं. मनुष्यों में इसके फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन फिर भी एहतियात बरतने की आवश्यकता है. यह वायरस सर्दियों में ज्यादा होता है. यह वायरस प्रवासी पक्षियों से देशी पक्षियों में, जानवरों और उनसे मनुष्यों में भी फैल सकता है.
कांगडा में बर्ड फ्लू के मामले
सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष अभी तक पांच राज्यों केरल, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कांगडा में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं. बिलासपुर जिला में भी मृत कौए पाए गए हैं. जिनके सैंपल टेस्ट के लिए पशुपालन विभाग ने भेज दिए हैं. अभी रिपार्ट आना बाकी है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इससे निपटने को तैयार है सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को भी अपने-अपने क्षेत्र में इस बारे में एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं.
डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इससे निपटने को तैयार है. बर्ड फ्लू के लक्षणों की जानकारी सभी को होना आवश्यक है. बर्ड फ्लू के लक्षण 2 से 8 दिनों तक आने लग जाते हैं. जैसे गले में खराश, छिंके आना, नाक बहना, बुखार, मांस पेशियों में दर्द, शरीर में ठंड लगना, पसीना आना, थकान होना और शरीर में कमजोरी आना इसके लक्षण हैं. गंभीर स्थिति में इसके कारण निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि संक्रमण हो सकते हैं, जो कि मनुष्य के लिए जान लेवा सिद्ध हो सकते हैं.
सावधानी जरूरी
सीएमओ ने बताया कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए संक्रमित मुर्गियों, पक्षियों व जानवरों के संपर्क में आने से बचें. मीट, मछली, अंडे अच्छी तरह पकाकर खाएं. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, नियमित रुप से हाथ धोएं, पोल्ट्री फार्म में कार्य करते समय पीपीई किट पहनकर कार्य करें. उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण आने पर पर्याप्त मात्रा में तरल पदाथों का अधिक सेवन करें और दूरी बनाए रखे.