बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में 15 जून से लेकर 16 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहेगा. बंद सीजन को लेकर मत्स्य विभाग ने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है. सभी पांच बड़े जलाशयों कुल 42 कैंप लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से जलाशयों में शरारती तत्त्वों पर पैनी नजर रखी जाएगी. इसके साथ ही जलाशयों में फ्लाइंग स्क्वायड भी अपनी पूरी निगाह रखेगी. पहले हर साल पहली जून से लेकर 31 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहता था, लेकिन मौसम में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए पिछले साल से मत्स्य विभाग ने इस शेड्यूल में आवश्यक बदलाव किया है, जिसकी सरकार से अनुमति लेकर व्यवस्था लागू की है.
अब हर साल 15 जून से लेकर 16 अगस्त तक जलाशयों में मछली शिकार (Fishing ban in Himachal) पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. इस बार भी मत्स्य विभाग ने तमाम बंदोबस्त कर लिए हैं और बीती 28 मई को सभी अधिकारियों के साथ एक महत्त्वपूर्ण बैठक कर आगे की सारी योजना तैयार कर ली है. योजना में खास यह है कि प्रदेश के सभी पांचों जलाशयों में 42 कैंप लगाए जाएंगे. जिसके तहत बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में 17, कांगड़ा के पौंगडैम में 17, चंबा के चमेरा डैम में तीन और कांगड़ा की सीमा पर रणजीत सागर डैम में दो और बिलासपुर के कोलडैम में तीन कैंप शामिल हैं.