बिलासपुर: यह पहला मौका है जब दुकान, ढाबा, रेस्तरां इत्यादि में खाद्य वस्तुओं को फ्राई करने के लिए प्रयोग में लाए गए तेल की भी बिक्री होगी. इस बाबत हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग का तेलंगाना (हैदराबाद) मैसर्ज एडवैथ बायोफ्यूल्स लिमिटेड के साथ एग्रीमेंट हुआ है. जिसके तहत कंपनी होटल, ढाबों व मिठाई की दुकानों से यूज किए गए तेल की खेप को उठाएगी.
कंपनी का पहला विजिट 20 सितंबर को तय हुआ है जिसके तहत कंपनी बिलासपुर, बरठीं और घुमारवीं से यूज तेल की खेप को उठाएगी. अहम बात यह है कि कंपनी यूज तेल 30 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदेगी. हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग की ओर से बिलासपुर में पहली बार इस तरह की नई व्यवस्था लागू की गई है जिसका निश्चित तौर पर कारोबारियों को लाभ होगा, क्योंकि खाद्य वस्तुओं को फ्राई करने के बाद तेल को या तो दोबारा फ्राई के लिए यूज कर लिया जाता है या फिर फेंक दिया जाता है.
तेल को दोबारा यूज किए जाने से बीपी व शूगर सहित अन्य घातक बीमारियों के पनपने का खतरा रहता है और जनता की सेहत की चिंता करते हुए विभाग नई योजना पर काम शुरू किया है. जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के शायद एक दो जिलों में ही यह व्यवस्था लागू हुई है, लेकिन बिलासपुर जिला में यह पहली बार हुआ है जिसके तहत कारोबारियों को प्रयोग में लाए गए तेल के प्रति लीटर के हिसाब से दाम मिलेंगे. होटलों, ढाबों और रेस्तरां इत्यादि में खाद्य वस्तुएं फ्राई करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले तेल की खरीददारी की जाएगी जिसके लिए तेलंगाना की एक कंपनी के साथ एग्रीमेंट साईन किया गया है.
हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग बिलासपुर के सहायक आयुक्त महेश शर्मा ने बताया कि तीस रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दुकानों से तेल को उठाया जाएगा जिसका फायदा कारोबारियों को होगा. हालांकि पिछले मार्च माह के अंत तक कंपनी की टीम का विजिट रखा गया था, लेकिन कोरोना संकट की वजह से यह विजिट टल गया और ताजा स्थिति में बीस सितंबर के आसपास टीम बिलासपुर पहुंच रही है.
यह टीम बिलासपुर, बरठीं व घुमारवीं में दुकानों, ढाबों व रेस्तरां से यूज तेल की खेप को उठाएगी. उन्होंने बताया कि एफएसएसआई के निर्देशानुसार इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है क्योंकि एक ही तेल में का खाद्य पदार्थों को बार बार फ्राई करना जनता की सेहत के लिए घातक है. इसलिए बार बार तेल के प्रयोग नहीं करने के लिए कारोबारियों को जागरूक किया जाएगा. जिसके लिए जल्द ही जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. ब्लॉक स्तर पर व्यापार मंडल के सहयोग से इस प्रकार के शिविर लगाए गए जिनमें व्यापारियों को नई योजना के बारे में जागरूक किया जाएगा.