शिमला:मंडी जिले में जहरीली शराब (Mandi poisonous liquor case) से हुई सात मौतों पर कांग्रेस पार्टी ने न्यायिक जांच की मांग उठाई है. हालांकि इस मामलें में पुलिस ने मुख्य सरगना को पकड़ने का दावा किया है, लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिले में ऐसी घटना पर कांग्रेस ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश चौहान ने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि जहरीली शराब पीने से मंडी में सात लोगों की मौत हुई है और प्रदेश में यह पहली व गंभीर समस्या सामने आई है. उन्होंने कहा कि यह घटना क्यों हुई, इस पर सरकार को जवाब देना (Himachal congress on poisonous liquor case) चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब माफिया संरक्षण के साथ काम कर रहे हैं.
देवभूमि में इस तरह की घटना दुखद है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शराब माफिया की (Illegal liquor trade in Himachal) जड़े मजबूत हो रही हैं. मंडी ही नहीं, अन्य जिलों में भी जहरीली शराब बेची जा रही है और इसकी भनक क्या एक्साइज विभाग और पुलिस को नहीं लगी. ये बहुत बड़ी लापरवाही है. इसकी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी कमेटी पर (Mandi poisonous liquor case inquiry committee) भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि कमेटी में मंडी के ही एसपी को शामिल किया गया है. जबकि दूसरा, कांगड़ा के एसपी जो कोरोना पॉजिटिव हैं. उन्हें कमेटी में शामिल करना सरकार की गंभीरता को दर्शाता है. उन्होंने कह कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और सिटिंग जज से इनकी जांच करवाए.
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