किस्सा हरियाणे का: कुरुक्षेत्र के इस गांव में आज भी हर रोज आते हैं अश्वत्थामा! - news
कुरुक्षेत्र: हमारे देश में आज भी कुछ ऐसे रहस्य हैं, जिनका जिक्र हजारों सालों से होता रहा है. लेकिन इन रहस्यों की तह तक आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है. 'किस्सा हरियाणे का' के इस एपिसोड में हम आपको महाभारत काल से जुड़े एक रहस्यमय किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं. हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसके बारे में लोग दावा करते हैं कि, यहां आज भी साक्षात द्रोणाचार्य पुत्र अश्वत्थामा आते है और उन्हें यहां के लोगों ने अपनी आंखों से देखा है. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम पहुंची महाभारत काल के कामोदा तीर्थ स्थान पर, जहां वामन पुराण के अनुसार कुरुक्षेत्र की 48 कोस में 9 वन हुआ करते थें. उनमें से एक वन हुआ करता था काम्यक वन. ये वही वन है जहां वनवास के दौरान पांडवों की मुलाकात महर्षि वेद व्यास से हुई थी. इसी वन में एक प्राचीन शिवलिंग तालाब के किनारे प्रकट हुआ था. जिसकी पूजा पांडव करते थे.