पत्नी वियोग में पुलिसवाला बना 'मोक्षदाता', 30 हजार लोगों का कर चुके हैं पिंडदान - लावालरिस अंतिम संस्कार श्यामलाल न्यूज
चंडीगढ़: इस दुनिया से अगर कोई चला जाता है तो उसके परिजन पूरे रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करते हैं, क्योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि अगर मरने वाले का अंतिम संस्कार ना हो तो उसे मोक्ष नहीं मिलता, लेकिन हमारे आस-पास ऐसे लोग हैं जो इतने समर्थ नहीं हैं कि किसी अपने के चले जाने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर पाए, उसका पिंडदान कर पाएं, लेकिन इस समाज चंडीगढ़ के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जैसे लोग भी हैं जो इस दुनिया को अलविदा कह चुके लोगों को मोक्ष दिलाने के लिए अपने जीवन के बहुमुल्य 25 साल दे चुके हैं और ये काम अभी भी जारी है.