गो संचालक और किसान एकत्रित होकर सिरसा के लघु सचिवालय पहुंचे, 144 को हटने की उठाई मांग
सिरसा: भीषण गर्मी, सूखा और खाद की किल्लत से इस बार गेहूं का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गेहूं के अलावा बाकी फसलों की पैदावार भी पिछले सीजन की तुलना में इस बार कम हुई है. पहले गेहूं की कम पैदावार और अब किसानों के लिए नया संकट पैदा हो गया है. ये संकट है सूखे चारे का. हरियाणा में चारे की किल्लत (dry fodder crisis in haryana) इतनी ज्यादा हो गई है कि इसके दाम आसमान छूने लगे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने चारे की कमी को देखते हुए धारा 144 लगा दी है. इसी के विरोध में आज यानी बुधवार को राजस्थान के गो संचालक और किसान ने सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया.:किसान संगठन के नेता रणधीर जोधकां ने कहा कि प्रशासन द्वारा लिया गया निर्णय बिल्कुल गलत है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि हरियाणा के बॉर्डर को खोल दिया जाये. जिससे किसानों की गौशाला को पर्याप्त मात्रा में सुखा पशु चारा मिल सकें. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर प्रदेश सरकार ने इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा.