300 सालों से नहीं मनाई गई इस गांव में होली, बाबा के श्राप से आज भी डरते हैं यहां के लोग
गांव में त्योहार नहीं मनाए जाने के पीछे वजह तीन सौ वर्ष पहले होली के ही दिन एक साधु के दिए श्राप को बताया जाता है. कहा जाता है कि साधु स्नेही राम ने होली के दिन गांव वासियों के समक्ष कोई मांग रखी थी, जिसे ग्रामीण पूरा नहीं कर पाए थे. गांव वालों के मुताबिक अपनी मांग पूरी नहीं होने से गुस्साए बाबा स्नेही राम ने होली के दिन समाधी ले अपने प्राण त्याग दिए थे.