आवारा पशु घोटाला: एक ही जानवर को कई बार पकड़कर पैसे वसूल रहे ठेकेदार! - नंदीशाला गोहाना
सोनीपत: कहने को तो गोहाना साल 2018 में कैटल फ्री हो चुका है. लेकिन धरातल पर सच्चाई कछ और ही है. शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार (Stray Animals Increasing Gohana) है. जिसकी वजह से रोजाना कई हादसे होते हैं. सोनीपत जिले में पिछले दो दिनों में 3 से 4 लोग आवारा पशुओं की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन और गोहाना नगर परिषद आवारा पशुओं पर नकेल कसने में नाकाम साबित हुआ है.दरअसल पकड़े गए आवारा पशुओं की पहचान के लिए टैगिंग की जाती है. ये टैग पशुओं के कानों पर लगाया जाता है, लेकिन ज्यादातर पशुओं के कान कटे हुए हैं. जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाती. जिला उपायुक्त की तरफ से एक आवारा पशु को पकड़ने के लिए ₹900 रुपये की फीस ठेकेदार को दी जाती है. लोगों का आरोप है कि ऐसे पशुओं को ठेकेदार, नंदीशाला और गौशाला के लोग मिलीभगत कर दोबारा सड़कों पर छोड़ देते हैं. ताकि वो फिर से उन पशुओं को पकड़कर पैसा कमा सके.