इंसानियत की मिसाल बना पानीपत का ऑटो ड्राइवर, समाज सेवा कर बना रियल लाइफ हीरो
पानीपत: कहते हैं नर सेवा ही नारायण सेवा है. इस कहावत का जीता जागता उदाहरण हैं. पानीपत का ऑटो ड्राइवर (naseem auto driver panipat). हम बात कर रहे हैं पानीपत के नसीम उर्फ लालवा की. नसीम मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. दरभंगा जिले के करकोली गांव में उनका कुनबा रहता है, लेकिन लालवा करीब 40 साल से अपने परिवार के साथ पानीपत की महावीर कॉलोनी में रह रहे हैं. यहां लालवा ट्रेन हादसे में क्षत-विक्षत शवों को अपने खर्च पर शव गृह तक पहुंचाते हैं.नसीम ये काम करीब 12 सालों से कर रहे हैं. अभी तक नसीम करीब 7 हजार डेड बॉडी को शवगृह तक पहुंचा चुके हैं. पॉलीथीन के पैसे से लेकर पेट्रोल-डीजल का खर्च वो खुद से उठाते हैं. जैसे ही उनको पता चलता है कि रेलवे ट्रैक पर कोई डेडबॉडी पड़ी है. तो वो सवारी को छोड़कर डेड बॉडी को उठाने चले जाते हैं. सिविल अस्पताल के डॉक्टर हों. नर्स हों या फिर फोर्थ क्लास के कर्मचारी. सभी नसीम को भली भांति जानते हैं.