EXCLUSIVE: करनाल की महिला लाजवंती ने बुलंद हौसलों से लिख डाली तरक्की की नई इबारत - karnal on womens day
मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं. कभी दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष है कर रही लाजवंती कुटीर उद्योग चलाकर अब ना केवल अपनी आजीविका कमा रही है, बल्कि दूसरी जरूरतमंद महिलाओं को कर्ज देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का हौसला भी दे रही हैं.