यमुनानगर: जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां एक भी विद्यार्थी पढ़ने नहीं आता है, लेकिन पढ़ाने के लिए रोज दो शिक्षक आते हैं. टाइम पर आते हैं, हाजरी लगाते हैं. कक्षा में जाते हैं, मगर पढ़ने कोई भी नहीं आता. हम बात कर रहे हैं यमुनानगर के नौगवां गांव के विद्यालय की.
राजकीय प्राथमिक पाठशाला मगामा जागीर खान जगाधरी जिला यमुनानगर में मौजूद अध्यापक सोनू देशवाल ने बताया कि यह पांचवीं तक का स्कूल है. लेकिन यहां एक भी बच्चा नहीं है. एक बच्चा पहले था जिसका 134A के तहत एडमिशन हो गया था. बच्चे के एडमिशन की जानकारी किसी दूसरे स्कूल में उसकी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए जारी कर दी गई है.
'अभिभावक ही नहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहते'
शिक्षक का कहना है कि शिक्षा विभाग की तरफ से हम ढाई साल पहले यहां ट्रांसफर होकर आए थे. उस समय स्कूल में दो बच्चे थे. 2016 से वे स्कूल में कार्यरत हैं और अगर इस स्कूल का पिछला रिकॉर्ड देखें तो एक-दो ही बच्चे यहां पर पढ़ते हैं. कुछ लोगों के पास जाते हैं, तो वह प्राइवेट की तरफ ज्यादा भागने की कोशिश करते हैं. उनका कहना है कि अभिभावक एक-दूसरे को देख कर जिद करते हैं और अपने आप को साधन संपन्न बताते हैं. इसलिए वह अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं.
'बस कागजी कार्रवाई ही हो रही है'
शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिले में बिन बच्चों की पाठशाला चल रही है, लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने पाठशाला में आकर निरीक्षण नहीं किया है. यहां आने वाले शिक्षक भी दिन भर बिना बच्चों के स्कूल में बैठकर कागजी कार्रवाई पूरी कर वापस घर लौट रहे हैं. स्कूल में बैठे शिक्षक का कहना है आज सभी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में डाल रहे हैं, यही वजह है कि आज इस स्कूल में 1 भी विद्यार्थी नहीं है.