यमुनानगर: जिले में ज्यादातर क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई हो गई है. इस समय नमी वाले तराई क्षेत्रों में गेहूं की फसल पीला रतुआ बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में समय रहते किसानों को इस रोग का प्रबंधन करना चाहिए.कृषि अधिकारियों की माने तो हरियाणा में सबसे ज्यादा पीला रतुआ के केस यमुनानगर में ट्रेस हुए हैं. जिसे देखते हुए अधिकारियों ने किसानों को हिदायत दी है.
रोग के लक्षण एवं पहचान:
- इस बीमारी के लक्षण ज्यादातर नमी वाले क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलते हैं
- पोपलर और यूकेलिप्टस के आस-पास उगाई गई फसल में ये रोग पहले आता है
- पीला रतुआ बीमारी में गेहूं की पत्तों पर पीले रंग का पाउडर बनता है
- जिसे हाथ से छूने पर हाथ पीला हो जाता है
- पत्तियों की ऊपरी सतह पर पीले रंग की धारी दिखाई देती है
- पहले ये रोग 10-15 पौधों पर एक गोल दायरे में शुरु होता है, बाद में पूरे खेत में फैल जाता है
- तापमान बढ़ने पर पीली धारियां पत्तियों की निचली सतह पर काले रंग में बदल जाती है